रानीखेत नहीं देखा तो क्या देखा ? वादियों का मनमोहक प्राकृतिक सौंदर्य

रानीखेत (Ranikhet) उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के अंतर्गत आता है । रानीखेत प्रकृति की गोद में बसा हुआ एक छोटा हिल स्टेशन है । रानीखेत की नैसर्गिक शांति काफी आकर्षक है । रानीखेत को पहाड़ों की रानी के नाम से भी लोग जानते हैं, इसके  चारो ओर दूर दूर तक घाटियों फैली हुई है,हर जगह प्रकृति का मनमोहक सौंदर्य देखने को मिलता है ।

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रानीखेत अल्मोड़ा से 50 किलोमीटर और नैनीताल से 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और  समुद्र से 1800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है । यहाँ  का ठंडा मौसम और ठंडी ठंडी हवा हमेशा सैनालियों का मन मोह लेती है । अंग्रेजों के जमाने में यह  छावनी क्षेत्र रहा है उन्होंने  ने इसे छोटे हिल स्टेशन के रूप में छुट्टियां बिताने के लिए विकसित किया था और अब यहां पर कुमाऊं रेजिमेंट का मुख्यालय है जिस वजह से यह काफी साफ सुथरा रहता है ।यह  चारों तरफ से ऊंचे ऊंचे घने जंगलों से घिरा हुआ है और  चारों तरफ देवदार और बल्लू के ऊंचे ऊंचे पेड़ हैं । रानीखेत से मध्य हिमालय की श्रेणियों को सीधे देखा जा सकता है ।

देवस्थल मंदिर

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रानीखेत पुराने मंदिरों के लिए भी प्रसिद्ध है यहाँ  सुंदर वास्तुकला वाले प्राचीन मंदिर भी देखे जा सकते हैं अगर आप रानीखेत जाए तो झूला देवी, मनकामेश्वर मंदिर, कालिका मंदिर, मां काली का मंदिर, चौबटिया गार्डन, बिनसर, महादेव मंदिर कटारमल सूर्य मंदिर और विश्व प्रसिद्ध गोल्फ कोर्स अवश्य देखें ।

कैसे पहुँचे

रानीखेत दिल्ली से 354 किलोमीटर दूर है । रानीखेत के निकट पंतनगर हवाई अड्डा स्थित है यह रानीखेत से मात्र 85 किलोमीटर की दूरी पर है । वही रानीखेत का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन 80 किलोमीटर की दूरी पर है । यहाँ तक पहुचने कि लिए टैक्सी सेवा आसानी से उपलब्ध हो जाति है ।

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प्राकृतिक सुंदरता

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रानीखेत की सुंदरता पर्यटकों को अपनी ओर लुभाती है । यहां बर्फ से ढके ऊंचे ऊंचे पर्वत चीड़, देवदार के ऊंचे ऊंचे पेड़ के घने जंगलों को देखे जा सकते हैं । रानीखेत के रास्ते ज्यादातर फलों और लताओं से ढके हैं । रानीखेत शहर से दूर एक ग्रामीण परिवेश है । देवभूमि उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित रानीखेत अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विश्व भर में विख्यात है । रानीखेत कुमाऊं की पहाड़ियों के आंचल में बसा हुआ क्षेत्र है जो कि फिल्म निर्माताओं की को अपनी ओर आकर्षित करता है । कई सारी फिल्में रानीखेत में सूट की जा चुकी है । सरकारी उद्यान व फल अनुसंधान केंद्र भी रानीखेत में स्थित है, जहाँ सेब अखरोट जैसे फलों के सुंदर बगान देखे जा सकते है ।

रानीखेत Apple Garden Ranikhet
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कैसे नाम पड़ा रानीखेत (Ranikhet History)

रानीखेत का कत्यूर काल से ही अपनी प्राकृतिक सुंदर को लेकर तरह तरह की कहानियां गढ़ता रहा है । किवदंनी के अनुसार रानीखेत का नाम रानी पद्मिनी के नाम पर पड़ा । वहीं एक अन्य स्थानीय लोककथा में बताया जाता है कि सैकड़ों साल पहले कत्यूरी शासनकाल में जियारानी अपनी यात्रा पर निकली थी और उन्हें यह स्थान इतना अच्छा लगा कि वे यहाँ पर अपना स्थाई निवास बनाली । कहा जाता है उस समय इसजगह छोटे-छोटे खेत थे इसलिए इसका नाम ‘रानीखेत’ पड़ गया । रानीखेत का सौंदर्य काफी मनमोहक है और यह लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है

झील

रानीखेत Ranikhet Jheel
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चौबटिया में स्तित सेब के बागान से मात्र 3 किलोमीटर नीचे भालू झील स्थित है । कत्यूरी और चंद्र शासन काल के समय तक यहां पर काला भालू पाया जाता था । इस वजह से चौबटिया के मध्य में ब्रितानी शासकों ने एक प्राकृतिक झील को 1903 में डैम का आकार दिया और इसे भालू डैम या जलाशय के नाम से जाना जाता है । रानीखेत के बीच बीच रानी झील है जहां पर विभिन्न प्रजातियों की मछलियां देखने को मिलती है । सैनाली यहां मछलियां पकड़ने का लुफ्त उठाते हैं । इस झील में नौका विहार भी किया जा सकता है ।रानीखेत के चौबटिया में एक सुंदर जलप्रपात भी है और ऊंचाई से गिरता हुआ पानी का दृश्य काफी मनमोहक होता है ।

गोल्फ कोर्ट (Ranikhet Golf Ground)

रानीखेत Ranikhet Golf Ground
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रानीखेत से करीब 6 किलोमीटर की दूरी पर चौबटिया और कालिका है, यहीं पर एशिया का दूसरा सबसे बड़ा गोल्फ कोर्ट है । इस घाँस के हरे गोल्फ कोर्ट में नौ होल है । कालिका वन क्षेत्र के पीछे होने के कारण इसको उपट कालिका के नाम से भी जाना जाता है ।

बर्ड वॉचिंग (Bird Watching in Ranikhet) 

Bird Watching in Ranikhet
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रानीखेत में 50 प्रकार के रंग बिरंगे साइबेरियन और भारतीय पक्षियों को देखा जा सकता है । यहां पर दुर्लभ प्रजाति का तराई तोता रेड ब्रेस्टड पैराकीट, यलो फुटेड ग्रीन पीजन भी देखे जा सकते है । 2018 के अल्मोड़ा महोत्सव के लिए वाचिंग के लिए रानीखेत को चुना गया था ।

बर्फ़बारी का लुफ़्त (Ranikhet Snowfall)

Ranikhet snowfall रानीखेत
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रानीखेत एक ऐसी जगह है जहां थोड़ी सी ठंड पड़ने पर तुरंत बर्फ गिरने लगती है । यहां पर बर्फ गिरने का आनंद लिया जा सकता है । इसके अलावा जो लोग स्केटिंगके शौखीन है उनके लिए यह काफी बेहतरीन जगह है । यहाँ पर  दिसम्बर से जनवरी-फरवरी तक बर्फ गिरती है ।

रानीखेत का प्राकृतिक सौंदर्य से सैनालियों को अपनी ओर आकर्षित करता है । यहाँ  से चीन सीमा से लगी हिमालय पर्वत माला के दीदार किए जा सकते हैं । यहां से पंचाचुला, नंदा देवी को भी साफ देखा जा सकता है । कुमाऊं की पहाड़ियों में स्थित हिल स्टेशन रानीखेत एक शांत व हरी-भरी वादियों में आध्यात्मिक शांति प्रदान करने और नई ताजगी भर देने वाला हिल स्टेशन है ।

नीदरलैंड के राजदूत ने एक बार यहाँ  के संदर्भ में कहा था कि जिसने रानीखेत नहीं देखा उसने भारत नहीं देखा । यहाँ  से पिंडारी ग्लेशियर, कौसानी, द्वाराहाट, दुनागिरी, चौबटिया, कालिका, बिनसर महादेव मंदिर जैसे जगहों पर आसानी से पहुंचा जा सकता है ।

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Piyush Kothyari

Hi there, I'm Piyush, a proud Uttarakhand-born author who is deeply passionate about preserving and promoting the culture and heritage of my homeland. I am Founder of Lovedevbhoomi, Creative Writer and Technocrat Blogger.

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