2024 में एक यादगार धार्मिंक यात्रा के लिए उत्तराखंड में घूमने लायक 10 जगहें

उत्तराखंड पहाड़ी इलाका है जो उत्तर में चीन और पूर्व में नेपाल के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है।

आज से कुछ साल पहले उत्तराखंड का नाम उत्तरांचल था। उत्तराखंड उत्तर भारत का ही एक राज्य है जिसे देवभूमि के नाम से लोग जानते हैं।उत्तराखंड पहाड़ी इलाका है जो उत्तर में चीन और पूर्व में नेपाल के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है।यह विशाल हिमालयी क्षेत्र प्रकृति की सुंदरता और देवताओं के प्रति समर्पण को प्रदर्शित करता है। इसके दो मुख्य क्षेत्र है गढ़वाल और कुमाऊं ,जिनमें पहाड़ों, घाटियों, नदियों, झीलों, ग्लेशियरों और कई पवित्र मंदिरों का आकर्षण है। दुनिया भर से पर्यटकस्कीइंग,वन्यजीव,अभयारण्यों, रिवर राफ्टिंग, ध्यान और चार धाम यात्रा के लिए उत्तराखंड आते हैं।

ऋषिकेश

ऋषिकेश उत्तराखंड के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक माना जाता है। यह हिमालय की तलहटी में बसा हुआ है ऋषिकेश ऋषियों योग साधकों और तीर्थ यात्रियों का केंद्र माना जाता है जो नदी के किनारे बसा हुआ है।ऐसा कहा जाता है कि ऋषिकेश अपने शांत मंदिरों और रिवर ,जंपिंग ट्रेकिंग ,विशाल झूले साहसिक खेलों के लिए अत्यधिक लोकप्रिय है।यह हिमालय के पास स्थित है इतना ही नहीं ऋषिकेश में पवित्र गंगा नदी भी बहती है।यहां पर लोग तीर्थ यात्रा और कल्याण के लिए आते हैं ।

मुनि की रेती

यहां पर जुड़वा पुल राम और लक्ष्मण झूला है क्योंकि यह पुल गंगा के ऊपर 750 फीट पर स्थित है। ऋषिकेश में विभिन्न घाटियों पर पवित्र गंगा की पूजा भी की जाती है। ऋषिकेश में शिक्षा ग्रहण करने वाले बहुत सारे संस्थान भी है ऋषिकेश आयुर्वेद के लिए भी प्रचलित है।परमार्थ निकेतन में गंगा आरती और त्रिवेणी घाट पर एक अलग अनुभव लोगों को महसूस होता है।यहां के क्षेत्र को रोशनी करने के लिए पवित्र गंगा नदी के पर सैकड़ो जले हुए दिए तैरते और घटिया और मंत्रों की आवाज से इस जगह पर एक आनंदमय आध्यात्मिक अनुभव करती है।

केदारनाथ

केदारनाथ उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में है गढ़वाल हिमालय पर्वतमाला में स्थित एक छोटा सा शहर है। केदारनाथ को हिंदुओं का सबसे पवित्र स्थलों में एक माना जाता है। यह चार धामों में गिना जाता है। केदारनाथ मंदिर भगवान शिव का घर है और यह चारों धामों में एक प्रमुख है। भगवान शिव के इस मंदिर में किसी को भी शिवलिंग को छूने की अनुमति नहीं दिया जाता है।

यह पवित्र नदी मंदाकिनी के पास 3584 मीटर की ऊंचाई पर है। भारत में केदारनाथ मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों और कौरवों के बीच जो युद्ध हुआ था उसे समय पांडवों ने किया था। केदारनाथ मंदिर के पीछे केदारनाथ शिखर, भीम शिला, केदार गुंबद और आने छोटे-छोटे मंदिर भी है जिनके दर्शन आप वहां जाने के बाद कर सकते हैं।

केदारनाथ मंदिर का द्वारा अप्रैल से नवंबर महीने तक खुला रहता है नवंबर के बाद मंदिर के कपाट को बंद कर दिया जाता है क्योंकि यहां पर अत्यधिक बर्फबारी होती है अगर आप अप्रैल से नवंबर महीने में केदारनाथ जाते हैं तो आपको मंदिर खुला हुआ मिलेगा और दोपहर 3:00 बजे से 5:00 बजे तक मंदिर बंद रहता है। केदारनाथ मंदिर में आप निशुल्क प्रवेश कर सकते हैं।

केदारनाथ मंदिर कैसे जाऐ

सड़क मार्ग के द्वारा: अगर आप सड़क मार्ग से केदारनाथ जाना चाहते हैं तो वहां गौरी कुंड निकटतम गाड़ी योग क्षेत्र है। चमोली, श्रीनगर टिहरी ,पौड़ी, ऋषिकेश, देहरादून और के साथ आसपास के क्षेत्र को जोड़ने वाली अंतरराज्यीय बस सेवाएं भी उपलब्ध है।

हवाई मार्ग के द्वारा :जॉली ग्रांट हवाई अड्डा निकटतम हवाई अड्डा है केदारनाथ के लिए हेलीकाप्टर सेवाएं हेलीपैड से सुबह 6:30 बजे से 11:00 बजे के बीच उपलब्ध रहता है तीर्थ यात्री विमान सेवा की फ्री बुकिंग के लिए ऑनलाइन बुकिंग सुविधा का उपयोग कर सकते हैं। हेलीपैड सेरसी गांव में है। जो गुप्तकाशी से बाय किलोमीटर और फटा गांव से 7 किलोमीटर पड़ता है।

रेल मार्ग द्वारा : अगर आप रेल मार्ग से जाना चाहते हैं तो ऋषिकेश रेलवे स्टेशन सबसे नजदीकी स्टेशन है।यह रेलवे स्टेशन प्रमुख शहरो और कस्बो से जुड़ा हुआ है।

उत्तरकाशी

उत्तरकाशी उत्तराखंड में खूबसूरत वादियों के बीच में बसा हुआ है यह एक पर्यटन स्थल के साथ-साथ एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान भी है। यहां पर दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं।कहा जाता है कि यह उत्तरकाशी में स्थित भगवान शिव के रूप भगवान विश्वनाथ का मंदिर यहां के सबसे प्रवित्र तीर्थ स्थान में से एक माना जाता है यह मंदिर देवों के देव महादेव को समर्पित है। यहां के बाटी भागीरथी नदी इस स्थल को और खास बनाने में काम करती है साथ ही अगर आप यहां की बर्फीली चोटी और यहां की पवित्र स्थान की सुंदरता से रूबरू होना चाहते हैं तो अपने परिवार के साथ यहां पर छुट्टियां मनाने जा सकते हैं।

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हवाई मार्ग के द्वारा:उत्तरकाशी का निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है। जो 160 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जॉली ग्रांट हवाई अड्डा अपने दैनिक उड़ानों के माध्यम से लखनऊ, दिल्ली, मुम्बई से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। आप अपने शहर से फ्लाइट लेकर जॉली ग्रांट हवाई अड्डा पहुँच सकते हैं। आपको हवाई अड्डे के बाहर बस, टैक्सी, कैब आदि मिल जायेंगे।

रेल मार्ग के द्वारा :उत्तरकाशी का निकतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है। जो उत्तरकाशी से 143 किलोमीटर पहले NH58 पर स्थित है । ऋषिकेश भारत के प्रमुख स्थलों के साथ रेलवे नेटवर्क के द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। ऋषिकेश के लिये ट्रेने अक्सर चलती रहती हैं। इसलिए रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद आपको ऋषिकेश से उत्तरकाशी के लिये बसें, टैक्सियां, कैब आदि मिल जायेंगे जो आपको उत्तरकाशी पहुँचा देंगे।

सड़क मार्ग के द्वारा :अगर आप सड़क मार्ग के द्वारा उत्तराखंड से जाना चाहते हैं तो आसानी से जा सकते हैं इसके लिए उत्तरकाशी उत्तराखंड के प्रमुख स्थलों के साथ मोटर गाड़ी योग सड़कों से जुड़ा हुआ है । देहरादून बस अड्डे से उत्तराखंड जाने के लिए बहुत सारे बेस और टैक्सी मिलते हैं। जो आपको उत्तरकाशी पहुंचा देंगे।

बागेश्वर

बागेश्वर उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र में स्थित है। बागेश्वर एक ऐसी जगह है जो पूर्व में भीलेश्वर पश्चिम नीलेश्वर पहाङ उत्तर में प्रसिद्ध सूरजकुंड और दक्षिण में अग्निकुंड जैसे प्रसिद्ध और पवित्र स्थलों से घिरा हुआ है।यहां के मन्दिर नदियाँ और पहाड़ पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इसके साथ ही यह जगह बागेश्वर भगवान शिव के मंदिर के रूप में भी प्रसिद्ध है।

बागेश्वर धाम की सम्पूर्ण जानकारी - बागेश्वर धाम उत्तराखंड

यहां हर दिन हजारों की संख्या में पर्यटक घूमने और दर्शन के लिए आते हैं। यह स्थान धार्मिक तीर्थ स्थल होने के साथ-साथ प्राकृतिक सुंदरता ,सुंदर ग्लेशियरों, नदियों तथा मंदिरों आदि के लिए भी जाना जाता है। जानकारी के लिए आपको बता दे कि यहां पर समूह तल से 3000 मीटर से अधिक ऊंचाई पर पिंडारी ग्लेशियर नंदा देवी पर्वत के किनारे में मैजूद है और सुंदरढूंगा ग्लेशियर पिंडारी ग्लेशियर के पहाड़ी के दूसरी तरफ मौजूद है और ये दोनों ग्लेशियर अपनी सुंदरता से यहां पर एक अलग ही छटा बिखेरते रहते हैं।

मनुस्यारी

मुनस्यारी में घूमने की टॉप 5 जगहें - यात्राकार

मनुस्यारी उत्तराखंड में है यह एक खूबसूरत पर्यटन स्थल में गिना जाता है। मनुस्यारी हिमालय के निकली पहाड़ी क्षेत्र में गोरी गांव नदी के तट पर स्थित है यहां से आपको बर्फ ढके हुए हिमालय के पहाड़ का सुंदर और शानदार दृश्य देखने को मिल सकता है जो अपनी सुंदरता से पर्यटकों का मन मोहता है।

बद्रीनाथ

उत्तराखंड के लोकप्रिय तीर्थ स्थल में बद्रीनाथ धाम माना जाता है। बद्रीनाथ समुद्र से लगभग 3,100 मीटर की ऊंचाई पर अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है। यह चार धामों में से एक धाम है।यहां पर हिंदू धर्म के जितने भी जाती है वो चार धाम की यात्रा के लिए आते हैं। बद्रीनाथ पवित्र स्थल भगवान विष्णु के चतुर्थ अवतार नर एवं नारायण की तपोभूमि है।

Badrinath Temple History In Hindi Facts About Uttrakhand Badrinath Temple - Amar Ujala Hindi News Live - बद्रीनाथ धाम जहां माता लक्ष्मी ने लिया बदरी वृक्ष का रूप, जानिए बद्रीनाथ धाम से

इस धाम के बारे में ऐसा कहा जाता है कि जो जाए बद्री वो ना ओदरी यानि जो व्यक्ति बद्रीनाथ के दर्शन कर लेता उसे माता के घर में दोबारा नहीं आना पड़ता है। यह मंदिर दिव्य देशम के नाम से जाने, जाने वाले तमिल संतो के द्वारा भगवान विष्णु को समर्पित 108 मंदिरों में से एक है।

रुद्रप्रयाग

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रूद्रप्रयाग उत्तराखंड में स्थित है यह पांच प्रयागों में से एक माना जाता है।यह गढ़वाल क्षेत्र के अंतर्गत आता है। उत्तराखंड में यह खूबसूरत स्थान अलकनंदा नदी और मंदाकिनी नदी के संगम पर स्थित है। रुद्रप्रयाग अपने गढ़ में अनेक मंदिरों के नाते जाना जाता है और यह बद्रीनाथ धाम की यात्रा में आने वाला पहला पड़ाव भी है।इसीलिए यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता और अनेक प्राचीन मंदिरों को अपने आप में समेटे हुए यह उत्तराखंड में पर्यटकों और दर्शनारथियों की पहली पसंद भी है। यहां रुद्रप्रयाग में भगवान् शिव के 200 मन्दिर बनाये गए हैं जो अति प्राचीन हैं । दर्शनीय स्थल होने के साथ ही साथ रुद्रप्रयाग अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिये भी जाना जाता है।

चकराता

चकराता का प्राकृतिक सौंदर्य देख रह जाएंगे चकित, आसपास बिखरे हैं लुभावने मंजर - Best Places to Visit in Chakrata Hill Station in Uttarakhand India Jagran Special

चकराता उत्तराखंड में देहरादून के पास स्थित एक स्थित प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।यह अपने पहाड़ी क्षेत्र के लिए जाना जाता है अगर आप अपने परिवार के साथ शांति वातावरण में घूमने जाते हैं तो चकराता जरूर जाए ।इसके साथ ही आप चकराता के पास में ही स्थित और कई सारे पर्यटन स्थलों को भी घूम सकते हैं। इसके अलावा आप वहां टाइगर फॉल की सुंदरता का लाभ उठाने के लिए आप जा सकते हैं।

हवाई मार्ग से कैसे पहुचें चकराता?

हवाई मार्ग के द्वारा : अगर आप चकराता हवाई मार्ग से जाना चाहते हैं तो आसानी से जा सकते हैं क्योंकि जॉली ग्रांट हवाई अड्डा यहां का नजदीकी हवाई अड्डा है। यहां पहुंच कर आप टैक्सी या बस से चकराता जा सकते हैं

रेल मार्ग द्वारा : अगर आप चकराता रेल मार्ग के द्वारा जाते हैं तो वहां का निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून है यहां से आपको चकराता जाने के लिए टैक्सी और कब मिल जाएगा जैसे आप आसानी से चकराता जा सकते हैं ।

सड़क मार्ग के द्वारा : अगर आप सड़क मार्ग से चकराता जाते हैं तो यहां से देहरादून की दूरी 90 किलोमीटर है इसलिए आप देहरादून बस स्टेशन से टैक्सी लेकर चकराता जा सकते हैं।

हरसिल

हासिल उत्तराखंड में स्थित है या उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक माना जाता है।यह समुद्र तल से 2620 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, हरसिल यहां आने वाले पर्यटकों को एक शांत और मनोरम परिदृश्य प्रदान करता है। यह भागीरथी नदी के तट पर स्थित है।

क्यों हरसिल घाटी आपका अगला सप्ताहांत गंतव्य होना चाहिए

 

शहरी जीवन की भागदौड़ से और प्रदूषण से दूर रहने की चाहत रखने वाले लोगों के लिए हरसिल उत्तराखंड में घूमने के लिए एक आदर्श स्थान है। आप यहां हरसिल में यहां की कई आस पास की जगहों को भी देख व घूम सकते हैं जैसे -धराली, केदार ताल, गंगोत्री ग्लेशियर, दयारा बुग्याल, डोडीताल झील आदि घूम सकते हैं और यहां पर आप कुछ साहसिक गतिविधियाँ भी कर सकते हैं।

आगे पढ़े : उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध नैनीताल जिले का इतिहास | History of Nainital in Hindi

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