Pahari Muhavare, Pahadi Quotas , Pahadi Status
दोस्तो जेसे की लवदेवभूमी साइट का असली मकसद हैं, उत्तराखंड की परंपरा, धार्मिक मान्यता, भाषा, संस्कृति, रीति रिवाज और पर्यटन जैसे सभी खूबसूरत एवं परंपरागत विधाओं को देश विदेश तक पहुंचाना है। इसी की ओर एक कदम बढ़ाते हुए आज हम आपके लिए उत्तराखंड की प्रसिद्ध और सुनने में खूबसूरत लगने वाली बोली पहाड़ी, कुमाऊनी और गढ़वाली भाषा के कुछ प्रसिद्ध मुहावरे (Pahari Quotas) लाए हैं, जिनका अपना महत्व है –
आपण-मैतक-ढूँग-लै-प्यार हूँ।
हिंदी अर्थ – अपने मायके का पत्थर भी प्यारा लगता है।
अफणी देलिक कुकुर लेक भली हुँ |
हिंदी अर्थ – अपने घर का कुत्ता भी अच्छा होता है।
खाणि खागे पतव चाटणि हाथ पडिगो।
हिंदी अर्थ – खाना खाने वाला खा गया, बर्तन चाटने वाला हाथ पड़ गया।
कांणिं की चै न सकन, काणिं बिना रै न सकन।
हिंदी अर्थ – अंधी को देख भी नहीं सकता, अंधी के बिना रह भी नहीं सकता।
मुस अरे गाव गाव, बिराउ हरी खेल।
हिंदी अर्थ – चूहे को मुसीबत आई है और बिल्ली लगी है खेल में।
ब्यान ब्यान बल्द हरान।
हिंदी अर्थ – जिस समान से काम कर रहे है, काम करते करते उसी समान का खो जाना।
माॅव जानू माॅव जानू सबुलै कौय, ठाड़ी उकाॅय कैल नि देख।
हिंदी अर्थ – मैं जाता हूं, मै जाता हूं सबने कहा, खड़ी चढ़ाई किसी ने नहीं देखी।
भगु कौतिक गोय, कौतिक कै नि लागि।
हिंदी अर्थ – भगु मेला गया मेला ही नहीं लगा।
च्यल के देखछा, च्यलक यार देखो।
हिंदी अर्थ – लड़के को क्या देखते हो, लड़के के दोस्तो को देखो।
मानसिंह कें मौनल चटकाइ, पानसिंह उसाड !
हिंदी अर्थ – मान सिंह को बात सुनाई, पान सिंह मुह फुला कर बैठ गया।
जब बाघ बाकरि ली गै, तब हुल हाल।
हिंदी अर्थ – जब बाघ बकरी को ले गया, तब हल्ला किया।
देखी मैस के देखण, तापी घाम के तापण।
हिंदी अर्थ – देखे हुए इंसान को क्या देखना, सेकी हुई धूप को क्या सेकना।
जे जस तै तस, मुसक पोत्थल मुसे जस।
हिंदी अर्थ – जो इंसान जैसा होता है, उसका बच्चा भी वैसा ही होता है।
सासु ले ब्वारी थें क्यो, ब्वारी ले कुकुर थें क्यो, कुकुर ले पुछुड़ हिले दी।
हिंदी अर्थ – सास ने बहू से कहा, बहू ने किसी दूसरे से कहा, दूसरे ने सुने का अनसुना कर दिया और काम ही नहीं बना।
लगनै बखत हगण।
हिंदी अर्थ – काम के समय ही समान ढूंढना।
कुमाऊनी और गढ़वाली मुहावरे
दुधारू गोरू की-लात-लै-भली।
हिंदी अर्थ – काम करने वाले की दो गाली भी अच्छी।
माघ म्हण में बाकर हराई , चेतक म्हण में हकाहक।
हिंदी अर्थ – माघ का महीना धर्म का महीना होता है तो उसमे बकरियों को कोई नहीं पूछता, चैत के महीने में पूजा पाठ करने के लिए लोग बकरियों को ढूंढते है।
सौण में मरी सास, भदो में आया आंस।
हिंदी अर्थ – झूठी हमदर्दी प्राप्त करने के लिए झूठ बोलना।
नाक लागण।
हिंदी अर्थ – नाराज होना।
खीर खाणी खैगे, पात चाटणी हाथ पड़।
हिंदी अर्थ – मुख्य अपराधी भाग गया और उसका साथी पकड़ा गया।
जो काकौक लै खूंल कौं, बाज्युक लै नी खै जान।
हिंदी अर्थ – जो दूसरे की सम्पति का लालच करता है, वो अपनी संपत्ति भी गवां देता है।
दैकी ठेकी पाल भीतेर, नमस्कार वाल भीतेर।
हिंदी अर्थ – व्यापार/व्यवहार के साथी अलग और दोस्ती एवं दिखावे के साथी अलग।
मडू फ़ोक्योल, तो आफ़ि दिख्यौल।
हिंदी अर्थ – मेहनत का परिणाम सबके सामने खुद आ जाता है।
चौमासै कि घस्यार, ह्यूनै की रस्यार।
हिंदी अर्थ – मौका देखकर अपने अनुकूल काम ढूढ़ना।
भल भल मर गया, कुकुराक च्याल पधान।
हिंदी अर्थ – योग्य व्यक्ति का ना मिलना लेकिन अयोग्य व्यक्ति का महत्वपूर्ण हो जाना।
हुणी च्यलाक गणु, आफ़ि आफ़ि बाजनी।
हिंदी अर्थ – होनहार लोगों के गुण खुद बोलते है।
जे जस ते तस, मुसौक पोथिल मुसै जस।
हिंदी अर्थ – जैसा बाप वैसी औलाद।
अघैन बामणै कि भैसेन खीर।
हिंदी अर्थ – खाने की इच्छा ना हो और बहाने करना।
झन को समधिनि, ब्वारि का बत्को।
हिंदी अर्थ – समधन जी बहू की तो बात ही मत करो।
न पयाले पायो, चपा चपा खायो।
हिंदी अर्थ – आभाव में पले हुए लोग चीज की कदर करते है। संभल के और समझदारी से प्रयोग करते है।
चडन बखत घोडो, लडन बखत घी।
हिंदी अर्थ – चढते समय घोडा ढूंढना और लढने से ठीक पहले घी पीना। अर्थात जरूरत पङने पर काम की चीज खोजने की कोशिश करना।
तालो गाडो मेरो, मलो गाडो मेरो।
हिंदी अर्थ – ये भी मेरा, वो भी मेरा या चित भी मेरी पट भी मेरी।
अघानी बामने की भैसानी खीर।
हिंदी अर्थ – जिसका पेट भरा होता है, उसको कितना ही अच्छा खाना बना हो, पसंद नही आता।
कख जाणु छै जाया, बल होया खोण।
हिंदी अर्थ – बरबाद आदमी कहा जा रहे हो? कामयाब को बर्बाद करने।
नाइ दगा सल्ला न खोर भीजे बे बैठाई।
हिंदी अर्थ – नाई से तकरार है, फिर भी सर भीगा के बैठ गए।
घुरूवा पिशु घुरवा तेल , सबहु द्वि द्वि घुरू हु डेड।
हिंदी अर्थ – जिसका सब कुछ है उसके लिए ही कुछ नहीं।
उत्तराखंड की समृद्ध परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और आगे बढ़ाने का लक्ष्य हम सभी का होना चाहिए। पहाड़ी मुहावरे (Pahari Muhavare Quotas) और कहावतें न केवल हमारी भाषा को जीवंत बनाती हैं, बल्कि ये हमारी संस्कृति और जीवनशैली का भी परिचय कराती हैं।
लवदेवभूमी साइट के माध्यम से हम उत्तराखंड की भाषा, रीति-रिवाज और पहाड़ी स्टेटस (Pahadi Status) को नई पीढ़ी और देश-विदेश में बसे लोगों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। आइए, इस सांस्कृतिक धरोहर को अपनाएं और इसे आगे बढ़ाएं।
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