जानिए नागपंचमी के दिन ऐसे कौन से कार्य हैं जिन्हें हमें नहीं करना चाहिए

नागपंचमी के दिन वर्जित कार्य नागपंचमी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार हैं। हिन्दु पंचाग के अनुसार सावन मास की शुक्ल पक्ष के पंचमी को नागपंचमी के रूप में मनाया जाता हैं। इस दिन नाग देवता या सर्प की पूजा की जाती हैं और उन्हें दूध से स्नान कराया जाता हैं।

दोस्तों नागपंचमी के बारे में आप लोगों को पता होगा कि इस दिन नागों या सांपों की पूजा की जाती हैं लेकिन क्या आपको पता हैं कि नागपंचमी के दिन ऐसे कौन से कार्य हैं जिन्हें हमें नहीं करना चाहिए।

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तो चलिए दोस्तों जानते हैं धर्मशाश्त्रो के अनुसार, नागपंचमी के दिन सांप को कोई भी कष्ट ना पहुचांए बल्कि उनकी पूजा कर उनकी रक्षा करने का संकल्प लें। साथ ही इस दिन जीवित सांप को कभी भी दूध ना पिलांए क्योंकि दूध उनके लिए जहर के समान हो सकता हैं बल्कि उनकी प्रतिमा का दूध से अभिषेक करें। दोस्तों कहा गया हैं कि नागपंचमी के दिन गलती से भी किसी जीवित नाग की पूजा करने और उसे किसी भी प्रकार का कष्ट देने से पाप लगता हैं। ऐसा करना जिन्दगी में संकटों को बुलावा देना हैं।

इस दिन नाग देवता की मूर्ति या फोटो की पूजा करें अथवा किसी मंदिर में जाकर भी पूजा कर सकते हैं। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, नागपंचमी के दिन लोहे के बर्तनों का प्रयोग करने से बचें। मान्यता हैं कि ऐसा करने से नाग देवता को कष्ट होता हैं।

दोस्तों शास्त्रों में ये भी कहा गया हैं कि किसी भी नुकीली और धारदार वस्तुओं का प्रयोग इस दिन अशुभ माना जाता हैं। मुख्यरूप से सुईधागे का प्रयोग भूलकर भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता हैं। नागपंचमी के दिन किसी भी तरह की भूमि की खुदाई या फिर हल चलाने की मनाही हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से मिट्टी या जमीन में सांपों के बिल के टूटने का डर रहता हैं।

दोस्तों मान्यतानुसार नागपंचमी के दिन तांबे के लोटे से शिवलिंग या नाग देव को दूध अर्पित नहीं करना चाहिए। जल चसजय़ाने के लिए तांबे और दूध के लिए पीतल के लोटे का प्रयोग करना चाहिए।

ध्यान रहें अगर आप किसान हैं तो नागपंचमी के दिन भूलकर भी खेती का काम नहीं करना चाहिए। कहा गया हैं कि नागपंचमी के दिन किसी भी इंसान के लिए अपने मुंह से जहर ना उगलें तथा लड़ाई झगड़े से बचना चाहिए।

दोस्तों नागपंचमी के दिन शुद्व शाकाहारी भोजन का प्रयोग करना चाहिए तथा मांसमदिरा का प्रयोग पूरी तरह से वर्जित हैं।

आशा करता हूं कि आपको लवदेवभूमि का ये लेख जरूर पसंद आया होगा। जय उत्तराखण्ड।

Piyush Kothyari

Hi there, I'm Piyush, a proud Uttarakhand-born author who is deeply passionate about preserving and promoting the culture and heritage of my homeland. I am Founder of Lovedevbhoomi, Creative Writer and Technocrat Blogger.

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