हिन्दी शब्द-समूह : उत्तराखंड पॉलिटेक्निक लेक्चरर 2024 UKPSC (Hindi Syllabus Topic – 2)

हिन्दी शब्द-समूह: तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशी शब्द

हिन्दी शब्द-समूह: तत्सम, तद्भव, देशज, और विदेशी शब्दों का विस्तृत परिचय

उत्तराखंड पॉलिटेक्निक लेक्चरर 2024 (Uttarakhand Polytechnic Lecturer) परीक्षा की तैयारी करते समय हिन्दी भाषा के शब्द-समूहों को समझना आवश्यक है। हिन्दी में शब्दों को उनके स्रोत और विकास के आधार पर चार प्रमुख समूहों में बांटा गया है: तत्सम, तद्भव, देशज, और विदेशी शब्द। इस लेख में हम इन चारों समूहों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। परीक्षा के सम्पूर्ण सिलेबस को देखने के लिए कृपया नीचे दी गई छवि देखें:

Polytechnic Lecturer Hindi Syllabus
Uttarakhand Polytechnic Lecturer Hindi Syllabus

तत्सम शब्द:

तत्सम शब्द वे होते हैं जो संस्कृत से बिना किसी परिवर्तन के सीधे हिन्दी में अपनाए गए हैं। ये शब्द अपने मूल रूप में होते हैं और इनमें कोई ध्वनि या रूप परिवर्तन नहीं होता। उदाहरण:

  • अग्नि (अग्नि)
  • जल (जल)
  • वायु (वायु)

तत्सम शब्दों का प्रयोग विशेष रूप से धार्मिक, साहित्यिक और शास्त्रीय संदर्भों में अधिक होता है।

तद्भव शब्द:

तद्भव शब्द वे होते हैं जो संस्कृत से उत्पन्न होते हैं लेकिन समय के साथ इनमें ध्वनि और रूप परिवर्तन हो जाता है। ये शब्द आम बोलचाल की भाषा में अधिक प्रयोग होते हैं। उदाहरण:

  • अग्नि से आग
  • जल से पानी
  • वायु से बयार

तद्भव शब्द हिन्दी भाषा को सरल और संवादात्मक बनाते हैं।

देशज शब्द:

देशज शब्द वे होते हैं जो हिन्दी भाषा के अपने ही स्रोतों से उत्पन्न होते हैं और किसी अन्य भाषा से नहीं आते। ये शब्द विशेष रूप से ग्रामीण और स्थानीय संदर्भों में अधिक प्रयोग होते हैं। उदाहरण:

  • हाट (बाज़ार)
  • कुटिया (झोपड़ी)
  • बगिया (बगीचा)

देशज शब्दों का उपयोग भाषा को अधिक समृद्ध और सांस्कृतिक रूप से प्रासंगिक बनाता है।

विदेशी शब्द:

विदेशी शब्द वे होते हैं जो अन्य भाषाओं से हिन्दी में आए हैं। इनमें अंग्रेजी, फारसी, अरबी, तुर्की, पुर्तगाली आदि भाषाओं के शब्द शामिल हैं। ये शब्द बिना किसी बड़े परिवर्तन के हिन्दी में अपना लिए गए हैं। उदाहरण:

  • कंप्यूटर (अंग्रेजी)
  • पुलिस (अंग्रेजी)
  • बस्ता (फारसी)

विदेशी शब्दों का प्रयोग आधुनिक और तकनीकी संदर्भों में अधिक होता है।

व्यावहारिक उदाहरण:

  • तत्सम: “अग्नि” शब्द संस्कृत से सीधे अपनाया गया है।
  • तद्भव: “अग्नि” से परिवर्तित होकर “आग” बन गया है।
  • देशज: “कुटिया” शब्द ग्रामीण संदर्भ में प्रयोग होता है।
  • विदेशी: “कंप्यूटर” शब्द अंग्रेजी से लिया गया है।

हिन्दी भाषा के इन चारों शब्द-समूहों के बारे में समझ बढ़ाने से न केवल आपकी भाषा का ज्ञान बढ़ेगा बल्कि उत्तराखंड पॉलिटेक्निक लेक्चरर 2024 परीक्षा में भी यह आपकी सहायता करेगा। तत्सम, तद्भव, देशज, और विदेशी शब्दों का अध्ययन करने से आप भाषा की विविधता और समृद्धि को समझ सकेंगे।

अगले लेख में हम ‘हिन्दी शब्द-रचना’ के बारे में चर्चा करेंगे, जिसमें उपसर्ग, प्रत्यय, संधि और समास के बारे में विस्तार से जानेंगे। [हिन्दी शब्द-रचना: उपसर्ग, प्रत्यय और संधि के नियम]

Piyush Kothyari

Hi there, I'm Piyush, a proud Uttarakhand-born author who is deeply passionate about preserving and promoting the culture and heritage of my homeland. I am Founder of Lovedevbhoomi, Creative Writer and Technocrat Blogger.

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