हिन्दी शब्द-रचना [3] : उत्तराखंड पॉलिटेक्निक लेक्चरर 2024 UKPSC (Hindi Syllabus Topic – 5)

हिन्दी शब्द-रचना: अनेकार्थक शब्द, शब्द-युग्म, श्रुतिसम भिन्नार्थी शब्द

हिन्दी शब्द-रचना: अनेकार्थक शब्द, शब्द-युग्म, और श्रुतिसम भिन्नार्थी शब्दों का विस्तृत परिचय

उत्तराखंड पॉलिटेक्निक लेक्चरर 2024 (Uttarakhand Polytechnic UKPSC Lecturer 2024) परीक्षा की तैयारी के लिए हिन्दी भाषा के अनेकार्थक शब्द, शब्द-युग्म, और श्रुतिसम भिन्नार्थी शब्दों का ज्ञान अत्यंत महत्वपूर्ण है। ये शब्द हिन्दी भाषा की संरचना को अधिक जटिल और रोचक बनाते हैं। अनेकार्थक शब्द, जिनके कई अर्थ होते हैं, शब्द-युग्म, जो एक-दूसरे से मिलते-जुलते होते हैं, और श्रुतिसम भिन्नार्थी शब्द, जिनका उच्चारण समान होता है लेकिन अर्थ अलग-अलग होते हैं, सभी भाषा की विविधता को प्रदर्शित करते हैं। इस लेख में हम इन तीनों प्रकार के शब्दों पर विस्तार से चर्चा करेंगे, जिससे आपकी भाषा की समझ और परीक्षा की तैयारी दोनों में वृद्धि होगी। परीक्षा के सम्पूर्ण सिलेबस को देखने के लिए कृपया नीचे दी गई छवि देखें:

Polytechnic Lecturer Hindi Syllabus
Uttarakhand Polytechnic Lecturer Hindi Syllabus

अनेकार्थक शब्द:

अनेकार्थक शब्द वे होते हैं जिनके एक से अधिक अर्थ होते हैं। इन शब्दों का सही प्रयोग संदर्भ के आधार पर किया जाता है। उदाहरण:

  • कल: (1) कल (समय) – कल हम मिलेंगे। (2) कल (मशीन का भाग) – मशीन का कल टूट गया।
  • अग्नि: (1) अग्नि (आग) – अग्नि में जलना। (2) अग्नि (कवच) – अग्नि मिसाइल।

शब्द-युग्म:

हिंदी साहित्य के व्याकरण में शब्द युग्म (Shabd-Yugm in Hindi) एक विशेष प्रकार का शब्द समूह होता है, जिसमें दो या दो से अधिक शब्द होते हैं जो एक ही पंक्ति (मिश्रित छंद) में एक साथ प्रयोग किए जाते हैं। इन शब्द युग्मों का प्रयोग साहित्यिक रचनाओं में सुंदरता और विशिष्टता बढ़ाने के लिए किया जाता है। हिंदी साहित्य में कई सुंदर शब्द युग्म प्रयोग किए गए हैं, जैसे ताल-तरंग, सुबह-शाम, चंद्रमा-सूरज, चाँदनी रात, अंधकार-उजियाला आदि। ये शब्द युग्म साहित्यिक रचनाओं को अद्वितीयता, अभिव्यक्ति, और रसपूर्ण अनुभूति प्रदान करते हैं।

श्रुतिसम भिन्नार्थी शब्द:

श्रुतिसम भिन्नार्थी शब्द वे होते हैं जिनका उच्चारण समान होता है लेकिन उनके अर्थ अलग-अलग होते हैं। यह शब्द-प्रयोग में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। उदाहरण:

  • कर्म/कर्म: (1) कर्म (काम) – अच्छा कर्म। (2) कर्म (भाग्य) – उसका कर्म खराब है।
  • आँख/आँख: (1) आँख (नेत्र) – उसकी आँखें सुंदर हैं। (2) आँख (नजर) – उसकी आँखें तेज हैं।

व्यावहारिक उदाहरण:

  • अनेकार्थक शब्द: “कल” का अर्थ है समय और मशीन का भाग।
  • शब्द-युग्म: ताल-तरंग, सुबह-शाम
  • श्रुतिसम भिन्नार्थी शब्द: “कर्म” का अर्थ है काम और भाग्य।

अनेकार्थक शब्द, शब्द-युग्म, और श्रुतिसम भिन्नार्थी शब्दों की समझ से न केवल आपकी भाषा की दक्षता बढ़ेगी बल्कि उत्तराखंड पॉलिटेक्निक लेक्चरर 2024 (Uttarakhand Polytechnic UKPSC Lecturer 2024) परीक्षा में भी यह आपकी सहायता करेगा। इन शब्दों का सही और प्रभावी प्रयोग भाषा को समृद्ध, रोचक, और प्रभावशाली बनाता है।

अगले लेख में हम ‘वाक्यांश के लिए एक शब्द’ के बारे में चर्चा करेंगे, जिसमें इन तीनों शब्द-श्रेणियों पर विस्तृत जानकारी मिलेगी।

Piyush Kothyari

Hi there, I'm Piyush, a proud Uttarakhand-born author who is deeply passionate about preserving and promoting the culture and heritage of my homeland. I am Founder of Lovedevbhoomi, Creative Writer and Technocrat Blogger.

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