हिन्दी शब्द-रचना [1] : उत्तराखंड पॉलिटेक्निक लेक्चरर 2024 UKPSC (Hindi Syllabus Topic – 3)

हिन्दी शब्द-रचना: उपसर्ग, प्रत्यय, संधि, समास

हिन्दी शब्द-रचना: उपसर्ग, प्रत्यय, संधि, और समास का विस्तृत परिचय

उत्तराखंड पॉलिटेक्निक लेक्चरर 2024 (Uttarakhand Polytechnic Lecturer) परीक्षा की तैयारी करते समय हिन्दी भाषा की शब्द-रचना का ज्ञान अत्यंत महत्वपूर्ण है। हिन्दी में शब्दों का निर्माण विभिन्न प्रक्रियाओं के माध्यम से किया जाता है, जिसमें उपसर्ग, प्रत्यय, संधि, और समास प्रमुख हैं।

उपसर्ग और प्रत्यय वे अवयव हैं जो शब्दों के प्रारंभ या अंत में जुड़कर उनके अर्थ और व्याकरणिक रूप को बदल देते हैं। ये अवयव शब्दों को नया अर्थ देते हैं और उनके उपयोग को विस्तृत करते हैं। संधि और समास दो या दो से अधिक शब्दों को जोड़कर नए शब्दों का निर्माण करते हैं, जिससे भाषा में संक्षेपता और गहराई आती है।

संधि शब्दों या वर्णों के मिलन से नए शब्द बनाती है, जबकि समास शब्दों को संक्षिप्त करके एक नया अर्थप्रद शब्द बनाता है। इस प्रकार, इन चार प्रक्रियाओं का अध्ययन हिन्दी भाषा के विविधता और संरचना को समझने में मदद करता है।

इस लेख में हम इन चारों प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे ताकि आप परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकें। परीक्षा के सम्पूर्ण सिलेबस को देखने के लिए कृपया नीचे दी गई छवि देखें:

Polytechnic Lecturer Hindi Syllabus
Uttarakhand Polytechnic Lecturer Hindi Syllabus

उपसर्ग:

उपसर्ग वे अवयव होते हैं जो किसी शब्द के प्रारंभ में जुड़कर उसके अर्थ को बदल देते हैं। हिन्दी में कई प्रकार के उपसर्ग होते हैं, जो संस्कृत, हिंदी, और अन्य भाषाओं से लिए गए हैं। उदाहरण:

  • संस्कृत उपसर्ग: अ- (अप्रिय), प्र- (प्रवेश)
  • हिंदी उपसर्ग: बे- (बेकार), पर- (परदेश)
  • अन्य भाषाओं से लिए गए उपसर्ग: सुपर- (सुपरस्टार), पोस्ट- (पोस्टमार्टम)

प्रत्यय:

प्रत्यय वे अवयव होते हैं जो किसी शब्द के अंत में जुड़कर उसके अर्थ और व्याकरणिक रूप को बदल देते हैं। हिन्दी में प्रत्ययों का प्रयोग विशेष रूप से संज्ञा, विशेषण, और क्रिया के रूपांतरण में किया जाता है। उदाहरण:

  • संज्ञा से विशेषण: बालक + इ (बालक + ई = बालकी)
  • क्रिया से संज्ञा: लिख + न (लिखन)
  • विशेषण से क्रिया: सुंदर + इ (सुंदरी)

संधि:

संधि का अर्थ होता है “मिलन”। यह प्रक्रिया दो शब्दों या वर्णों के मेल से नए शब्द का निर्माण करती है। संधि मुख्यतः तीन प्रकार की होती है:

  1. स्वर संधि: दो स्वरों के मिलन से होने वाली संधि। उदाहरण: राम + ईश्वर = रामेश्वर
  2. व्यंजन संधि: व्यंजन और स्वर के मिलन से होने वाली संधि। उदाहरण: सं + हिता = संहिता
  3. विसर्ग संधि: विसर्ग और स्वर के मिलन से होने वाली संधि। उदाहरण: दुःख + आकाश = दुःखाःकाश

समास:

समास का अर्थ है “संक्षेप”। यह प्रक्रिया दो या दो से अधिक शब्दों को मिलाकर एक नए शब्द का निर्माण करती है जो अपने आप में एक संपूर्ण अर्थ प्रदान करता है। समास के कई प्रकार होते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

  1. तत्पुरुष समास: जिसमें पहले शब्द का अर्थ प्रधान होता है। उदाहरण: रसोईघर (रसोई का घर)
  2. द्वंद्व समास: जिसमें दोनों शब्द समान रूप से प्रधान होते हैं। उदाहरण: राम-लक्ष्मण
  3. बहुव्रीहि समास: जिसमें संयुक्त शब्द से कोई अन्य अर्थ निकलता है। उदाहरण: चतुर्भुज (चार भुजाओं वाला)
  4. अव्ययीभाव समास: जिसमें पहला शब्द अव्यय होता है। उदाहरण: उपर्युक्त (उपर और युक्त)

व्यावहारिक उदाहरण:

  • उपसर्ग: प्र + वेश = प्रवेश
  • प्रत्यय: खेल + क = खेलक (खिलाड़ी)
  • संधि: महा + ईश्वर = महेश्वर
  • समास: रसोई + घर = रसोईघर

अगले लेख में हम ‘हिन्दी शब्द-रचना:  पर्यायवाची, विलोम शब्द’ के बारे में चर्चा करेंगे, जिसमें पर्यायवाची और विलोम शब्दों पर विस्तृत जानकारी मिलेगी। [हिन्दी शब्द-रचना:  पर्यायवाची, विलोम शब्द]

Piyush Kothyari

Hi there, I'm Piyush, a proud Uttarakhand-born author who is deeply passionate about preserving and promoting the culture and heritage of my homeland. I am Founder of Lovedevbhoomi, Creative Writer and Technocrat Blogger.

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