वर्ण-विचार : उत्तराखंड पॉलिटेक्निक लेक्चरर 2024 UKPSC (Hindi Syllabus Topic – 1)

स्वर एवं व्यंजन, स्वर और व्यंजन वर्णों का वर्गीकरण, वर्णों का उच्चारण-स्थान, अनुस्वार, अनुनासिक, विसर्ग आदि।

उत्तराखंड पॉलिटेक्निक लेक्चरर 2024 (Uttarakhand Polytechnic Lecturer) परीक्षा के लिए हिंदी विषय का महत्वपूर्ण स्थान है। इस परीक्षा में भाषा के मौलिक ज्ञान की परख की जाती है, जिसमें स्वर और व्यंजन का सही उच्चारण, उनके प्रकार, और व्यावहारिक प्रयोग शामिल हैं।

परीक्षा के सम्पूर्ण सिलेबस को देखने के लिए कृपया नीचे दी गई छवि देखें:

Polytechnic Lecturer Hindi Syllabus
Uttarakhand Polytechnic Lecturer Hindi Syllabus

इस ब्लॉग पोस्ट में उत्तराखंड पॉलिटेक्निक लेक्चरर 2024 परीक्षा की तैयारी के लिए हिंदी के स्वर और व्यंजन वर्णों के वर्गीकरण, उच्चारण-स्थान, अनुस्वार, अनुनासिक, और विसर्ग के बारे में जानकारी दी गई है। परीक्षा की तैयारी को मजबूत करने के लिए यह लेख अत्यंत उपयोगी है।

इस लेख में हम इन सभी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे ताकि आप परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकें।

स्वर एवं व्यंजन: हिंदी वर्णमाला का विस्तृत परिचय

हिंदी भाषा में वर्णों का विशेष महत्व है। वर्ण भाषा के मौलिक इकाई होते हैं और इन्हें स्वर और व्यंजन के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। इस ब्लॉग में हम स्वर और व्यंजन, उनके वर्गीकरण, उच्चारण-स्थान, तथा अनुस्वार, अनुनासिक और विसर्ग के बारे में विस्तार से जानेंगे।

स्वर:

स्वरों का उच्चारण स्वतः होता है और यह बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता से होता है। हिंदी भाषा में कुल 13 स्वर होते हैं:

  1. अं
  2. अः

स्वरों का वर्गीकरण:

स्वरों को उच्चारण के आधार पर तीन वर्गों में बांटा गया है:

  1. ह्रस्व स्वर: अ, इ, उ, ऋ
  2. दीर्घ स्वर: आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ
  3. संयुक्त स्वर: अं, अः

व्यंजन:

व्यंजन वे वर्ण होते हैं जिनका उच्चारण किसी स्वर की सहायता से होता है। हिंदी में कुल 33 व्यंजन होते हैं। इन्हें पाँच वर्गों में विभाजित किया जा सकता है:

  1. क वर्ग: क, ख, ग, घ, ङ
  2. च वर्ग: च, छ, ज, झ, ञ
  3. ट वर्ग: ट, ठ, ड, ढ, ण
  4. त वर्ग: त, थ, द, ध, न
  5. प वर्ग: प, फ, ब, भ, म

इसके अलावा कुछ अयोध वर्गीय व्यंजन भी होते हैं:

  1. य, र, ल, व
  2. श, ष, स, ह

वर्णों का उच्चारण-स्थान:

उच्चारण-स्थान के आधार पर वर्णों को विभिन्न वर्गों में बांटा गया है:

  1. कंठ्य: क, ख, ग, घ, ह
  2. तालव्य: च, छ, ज, झ, श
  3. मूर्धन्य: ट, ठ, ड, ढ, ष
  4. दंत्य: त, थ, द, ध, न
  5. ओष्ठ्य: प, फ, ब, भ, म

अनुस्वार:

अनुस्वार (ं) का प्रयोग तब होता है जब किसी शब्द में स्वर के बाद ‘म’ ध्वनि का उच्चारण होता है। उदाहरण: चंदन, कंचन।

अनुनासिक:

अनुनासिक ध्वनियों का उच्चारण नासिका के माध्यम से होता है। यह स्वर और व्यंजन दोनों में पाया जा सकता है। उदाहरण: हिंदी, बंद।

विसर्ग: विसर्ग (ः) का प्रयोग सामान्यतः संस्कृत शब्दों में होता है और यह हल्की ‘ह’ ध्वनि उत्पन्न करता है। उदाहरण: दु:ख, दुःख।

व्यावहारिक उदाहरण:

  1. स्वर: अ, आ, इ, ई जैसे शब्दों में।
  2. व्यंजन: क, ख, ग, घ, जैसे शब्दों में।
  3. अनुस्वार: गंगा, चंदन।
  4. अनुनासिक: हिंदी, बंद।
  5. विसर्ग: दुःख, लः।

अगले लेख में हम ‘हिंदी शब्द-समूह’ के बारे में चर्चा करेंगे, जिसमें विभिन्न प्रकार के शब्द समूहों का विश्लेषण करेंगे। [हिंदी शब्द-समूह: विभिन्न प्रकार और उनके उदाहरण]

Piyush Kothyari

Hi there, I'm Piyush, a proud Uttarakhand-born author who is deeply passionate about preserving and promoting the culture and heritage of my homeland. I am Founder of Lovedevbhoomi, Creative Writer and Technocrat Blogger.

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