उचित  संवाद सकारात्मक बदलाव के लिए जरूरी है

अक्सर आजकल लोग दो पीढ़ियों के बीच जनरेशन गैप आने की बात करते हैं परंतु मेरा मानना है कि उससे कहीं ज्यादा हानिकारक होता है कम्युनिकेशन गैप यानी कि खुलकर बातचीत का ना होना | आज जीवन में बढ़ती व्यस्तता के साथ, गांव से शहरों की ओर पलायन होने से पुरानी पीढ़ी और नई पीढ़ी के बीच यह कम्युनिकेशन गैप बढ़ता ही जा रहा है जिसकी वजह से कई सारी गलतफहमियां एवं मतभेद पैदा हो गए हैं जैसे कि जहां पुरानी पीढ़ी, नई पीढ़ी को मॉडर्न  यानी कि आधुनिकता एवं टेक्नोलॉजी का शिकार समझती है वही युवा वर्ग पुरानी पीढ़ी को रिजर्व माइंडेड यानी रूढ़िवादी सोच से घोषित करती है |

इन वैचारिक मतभेदों के चलते भविष्य में  ऐसी स्थिति पैदा हो सकती है, जिसमें  भावी पीढ़ी के मन में  पहाड़ के प्रति रुझान एवं लगाव को कम कर देगी और गूगल भी बुजुर्गों के अमूल्य ज्ञान को उपलब्ध नहीं करा पाएगा |

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जबकि यदि बिना किसी का पक्ष लिए इन परिस्थितियों का आँकलन किया जाए तो देखने को मिलेगा कि जहां एक तरफ बुजुर्गों के पास जीवन का अनुभव और पारंपरिक ज्ञान है जैसे जड़ी बूटियों से घरेलू उपचार, हस्तशिल्प कौशल जैसे भांग के रेशों से रस्सी बनाना, लकड़ी पर नक्काशी करना, बांस के विभिन्न उत्पाद बनाना इत्यादि हमारे पहाड़ की सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है | वहीं दूसरी तरफ युवा पीढ़ी के पास तकनीकी ज्ञान एवं पुराने कौशल को नई परिस्थितियों के अनुसार अनुकूल बनाना एवं उसे व्यवसायिक रूप में लागू करने का हुनर है | जरूरत है तो बस आपसी मतभेदों को कम करके तथा ज्ञान और कौशल के उचित उपयोग से विकास की ओर एक क़दम बढ़ाने की |

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विभिन्न माध्यमों जैसे तस्वीरें,  डॉक्युमेंट्री, डॉक्यूमेंटेशन इत्यादि की सहायता से पहाड़ की सांस्कृतिक धरोहर जैसे हस्तशिल्प उत्पाद, लोकगीत, नृत्य, साहित्य, पारंपरिक व्यंजन को संरक्षित किया जा सकता है जो युवा एवं आने वाली पीढ़ी के मन में गांवों के प्रति संवेदना और जुड़ाव को मजबूत करेगा और आने वाले समय में पलायन को कुछ हद तक कम करने में कारगर सिद्ध हो सकता है |

 उक्त विचार लेखिका के स्वयं के हैं और आप अपनी सकारात्मक या नकारात्मक टिप्पणी देने के लिए स्वतंत्र हैं |

About Author Dr. Babita Bhandari
Author Pic The writer has studied from College of Home Science, GBPUA&T Pantnagar. She feels that being a part of someone’s struggle can help in overcoming her never ending struggles of life . Her other interests include nature photography, novels and psychological studies.

 

Piyush Kothyari

Hi there, I'm Piyush, a proud Uttarakhand-born author who is deeply passionate about preserving and promoting the culture and heritage of my homeland. I am Founder of Lovedevbhoomi, Creative Writer and Technocrat Blogger.

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2 Comments

  1. Good thinking.Every area have something different from other locations which can be used as source of income for these areas.Hills have beautiful weather,clean air and many more positive things.Organic farming can be a good source of income.So these things can change migration from hill areas.

  2. A wonderful article indeed. Babita seeks to conservation and increased usage of traditional knowledge mountains are exceptional repository of.

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