देहरादून : चम्पावत जिले के खटीमा के पांडेय परिवार के पास मिला 800 साल पुराना ताम्रपत्र, यह है खासियत

देहरादून: चंपावत जिले के खटीमा क्षेत्र में करीब 800 साल पुराना एक ताम्रपत्र पाया गया है। सबसे खास बात इस ताम्रपत्र कि यह है कि यह पहला ऐसा ताम्रपत्र है जिसमें किसी चंद वंश के राजा के मृत्यु की तिथि अंकित हुई है। यह ताम्रपत्र खटीमा निवासी एक स्थानीय परिवार के पास सुरक्षित मिला है। इस ताम्रपत्र में चंपावत जिले के शामली क्षेत्र में 60 नाली जमीन दान दे जाने का जिक्र किया गया है। बताया जाता है कि यह भूमि चंद्र वंश के शासक अभय चंद्र जो कि राजा ज्ञानचंद के पूर्व शासक थे, के श्राद्ध पर दान की गई थी।

 यह तमपत्र खटीमा निवासी अमित कुमार पांडे के पैतृक गांव चंपावत जिले के मंच तामली में मिला है। अमित ने बताया कि कुछ समय पहले वह अपने पैतृक गांव गए थे और उनके पैतृक घर के मंदिर में एक ताम्रपत्र रखा हुआ था। उन्होंने बताया कि यह ताम्रपत्र कई पीढ़ियों से उनके घर में रखा हुआ है। लेकिन इसमें लिखी गई जानकारियों और इतिहास की जानकारी उनमें से किसी को भी नही थी।

 अमित ने यह ताम्रपत्र एचएनबी पीजी कॉलेज खटीमा में इतिहास विभाग के प्राध्यापक डॉ प्रशांत जोशी को दिखाया। डॉ प्रशांत जोशी ने ताम्रपत्र का अध्ययन किया और बताया कि यह “चामी गड्यूडा” चम्पावत नाम का ताम्रपत्र है।  उन्होंने बताया कि इस ताम्रपट में चंपावत जिले के सुदूर क्षेत्र और नेपाल की सीमावर्ती क्षेत्र तामली का जिक्र हुआ है। उन्होंने बताया कि ताम्रपत्र में उत्कीर्ण  तिथि शके 1301 अर्थात दो जनवरी 1380 ई• है। 

डॉ जोशी ने ताम्रपत्र का अध्ययन करके बताया कि इस पर चंद शासक ज्ञान चंद ने अपने पूर्ववर्ती शासक अभय चंद के श्राद्धकर्म के बाद एक ज्युला अर्थात 60 नाली जमीन विरसिंघ मंडलिया को दान स्वरूप दी थी। इसी का जिक्र ताम्रपत्र में किया गया है। इस ताम पत्र में इसे लिखने वाले व्यक्ति और साक्षी का भी नाम लिखा गया है। इस ताम्रपत्र में इसको लिखने वाले श्रीकर पंडित तथा साक्ष्य के तौर पर सुभु पांडेय का नाम अंकित है। 

amazonsell

डॉ जोशी ने कहा कि सबसे खास बात यह है कि उन्होंने पहली बार ऐसा कोई ताम्रपत्र देखा है जिसमें किसी चंद शासक के निधन की तिथि अंकित है। इस ताम्रपत्र का अध्ययन करने से पता चलता है कि चंद शासक अभय चंद का निधन 1378-79 ई• में हुआ था। 

मादली गाँव मे बस गये थे मंडलिया पांडेय – 

ताम्रपत्र का अध्ययन करने वाले इतिहासकार डॉ जोशी कहते हैं कि यह चामी गड्यूड़ा ताम्रपत्र है। चामी का अर्थ सोना और गड्यूड़ा का अर्थ दुर्ग या किला से है। अर्थात चामी गड्यूड़ा का अर्थ हुआ सोने का दुर्ग।

 इस ताम्रपत्र में मंडलीया पांडेय के नाम का जिक्र है। उन्होंने यह भी बताया कि ऐतिहासिक बृत्तांतो में मंडलीया पांडेय लोगों के चंपावत के मादड़ी से तामली में बसने का जिक्र मिलता है। इतिहासकारों का मानना था कि चंद शासक ज्ञान चंद ने ही उन्हें यहां पर बसाया था। इतिहासकार राम सिंह ने भी कुमाऊं के मंडलीया पांडे का उल्लेख किया है। इस ताम्रपत्र से यह ज्ञात होता है कि राजा ज्ञानचंद ने राजा अभय चंद का श्राद्ध कार्य मंडलीया पांडे से करवाया था।

 देवनागरी में लिखा है ताम्रपत्र –

 इतिहासकार डॉ जोशी ने बताया कि चंपावत जिले के तामली में मिले 7 तामपत्रों का अब तक उन्होंने अध्ययन किया है। उन्होंने बताया कि यह ताम्रपत्र आयताकार है और इसे स्पष्ट रूप से देवनागरी लिपि में लिखा गया है।

 

यह भी देखे : UKSSSC Jobs Notification 2021: UKSSSC ने पटवारी व लेखपाल के 523 पदों के लिये जारी किया विज्ञापन, ऐसे करे Apply

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!