देहरादून में घूमने लायक 10 जगह है

उत्तराखंड के देहरादून में घूमने की जगह तो बहुत सी है लेकिन घंटाघर दूसरे स्थान पर आता है घंटाघर का निर्माण ब्रिटिश काल में हुआ था।

 

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून है। देहरादून बहुत ही खूबसूरत जगह है।यहां ऊंचे ऊंचे हरे-भरे पहाड़ों से लेकर समृद्ध वनस्पतियां और जीवो से भरे हुए घने जंगल हैं। देहरादून में बहुत से ऐसे पर्यटन स्थल है।जहां पर आप घूमने के लिए जा सकते हैं और वहां का आनंद उठा सकते हैं। आज हम आपको इस लेख में देहरादून में घूमने लायक 10 जगह के बारे में बात करेंगे जहां आप अपने परिवार के साथ घूम सकते हैं।

घण्टाघर

उत्तराखंड के देहरादून में घूमने की जगह तो बहुत सी है लेकिन घंटाघर दूसरे स्थान पर आता है घंटाघर का निर्माण ब्रिटिश काल में हुआ था। घंटा घर साथ कौन है आकर का है जिसमें 6 अग्र भाग और सभी मे एक-एक घड़ी लगी हुई है। लेकिन अब यह समय बताने के काम नहीं आता है इसका ढांचा भी है दुर्लभ है और यह पूरे एशिया में भी इस तरह का घंटाघर आपको देखने को नहीं मिलेगा आप देहरादून घूमते हुए भी इस घंटा घर को देख सकते हैं। इस घंटा घर का निर्माण ईटों और पत्थरों से हुआ है। इसके षट्कोणीय आकार की हर दीवार पर नीचे एक-एक प्रवेश मार्ग बना हुआ है इसके अंदर मध्य में सीढ़ियां स्थित है और ऊपर अर्ध गोलाकार खिड़कियां बनी हुई है। यह घंटाघर देहरादून के सौंदर्यपूर्ण संरचनाओं में से एक माना जाता है।

राजाजी नेशनल पार्क

राजाजी नेशनल पार्क उत्तराखंड के देहरादून में है यहां पर पड़ गया था घूमने के लिए जाते हैं। 1983 से पहले देहरादून में फैले इन जंगलों में कुल तीन अभयारण्य थे। 1. राजाजी, 2. मोतीचूर और 3. चिल्ला। 1983 में इन तीनों अभियान को मिला दिया गया था और महान स्वतंत्रता सेनानी राजगोपालचारी के नाम पर इसे राजाजी राष्ट्रीय उद्यान का नाम दे दिया गया। यह राष्ट्रीय उद्यान 830 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।इसका मुख्य आकर्षण है यहाँ पाए जाने वाले हाथियों की बड़ी संख्या। इसके अलावा यहाँ पर हिरण, चीता, सांभर जैसे कई अन्य जीव पाए जाते हैं इसके अलावा इस उद्यान में मोर सहित कई 315 प्रजातियां पाई जाती है।इस नेशनल पार्क के विस्तृत इलाकों की सैर के लिए बहुत सी गाड़ियों का भी सुविधा दिया गया है। इस पार्क में एक बार में लगभग 6 से 7 आदमी ही घूम सकते हैं। प्रत्येक व्यक्ति का टिकट 2500 से ₹3000 लिया जाता है।इस प्रतिष्ठित राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा करने पर आपको अनेकों वन्य जीवों और पक्षियों को देखने का मौका मिलेगा। इसके साथ-साथ शहर के कोलाहल से दूर प्रकृति और शांति में कुछ समय बिताने का भी मौका मिलेगा।अगर आप देहरादून जाते हैं तो इस पार्क में जरूर जाएं ।

जोनल म्यूजियम

देहरादून जोनल म्यूजियम की स्थापना 1971 ईस्वी में किया गया था। यह वन अनुसंधान संस्था से लगभग आधा किलोमीटर दूरी पर है। अगर आप अपने बच्चों के साथ जोनल म्यूजियम घूमने के लिए जाते हैं तो आपको काफी आनंद आएगा क्योंकि इस संग्रहालय में असंख्य कलाकृतियों और मूर्तियों को प्रदर्शित किया गया है। जिनमें से कुछ सदियों पुरानी है। जिससे मानव जाति की उत्पत्ति और विकास से जुड़े हुए बहुत सारे जानकारी हमें यहां से मिलती है।यह संग्रहालय देहरादून के गढ़वाल क्षेत्र में रहने वाले प्रारंभिक लोगों के जीवनशैली और सामाजिक रीति-रिवाज के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है। इसके अलावा यहां पर संग्रहालय के अंदर सदियों पहले हिमालयी लोगों द्वारा उपयोग किए गए अनेक प्रकार के बर्तन सिक्के और हथियार आपके यहां पर देखने के लिए मिलेंगे।

खलंगा युद्ध स्मारक

खलंगा युद्ध स्मारक :यह 1 नवंबर 1814 – 4 मार्च 1816 के बीच लड़ा गया युद्ध ‘एंग्लो-नेपाली युद्ध’ या ‘गोरखा युद्ध’ के रूप में जाना जाता है।यह उस समय के नेपाल साम्राज्य की गोरखाली सेना और ईस्ट इंडिया कंपनी की ब्रिटिश सेना के बीच लड़ा गया था। अंग्रेजों से लड़ने वाले गोरखा सैनिकों की याद में यह स्मारक बनाया गया था।खलंगा युद्ध स्मारक’ जो देहरादून में स्थित है।यहां पर हर साल, सैनिकों की याद में, गोरखा संस्कृति और इतिहास का जश्न मनाने के लिए इस स्थल पर एक मेला आयोजित किया जाता है। आपको यह जानकारी हैरानी होगी कि अंग्रेज कथित तौर पर गोरखाओं की वीरता से इतने प्रश्न थे कि उन्होंने विरोधियों के खलंगा युद्ध स्मारक का निर्माण करवा दिया। पूरी दुनिया के युद्ध के इतिहास में शायद यह इकलौता उदाहरण होगा जहां एक विजय सेना ने अपने विरोधियों के लिए स्मारक बनवाया हो।

सहस्त्रधारा

रॉबर्ट गुफा के नजदीक स्थित सहस्त्रधारा देहरादून मे छोटे झरणो की एक खूबसूरत श्रृंखला है। इन झरणो में सल्फर होता है। जो चिकित्सालय मूल्य के लिए जाना जाता है यह भी एक बहुत ही आकर्षक स्थान है

देहरादून चिड़ियाघर

देहरादून चिड़ियाघर को पहले मालसी डियर पार्क के नाम से जाना जाता था। इस चिड़ियाघर में नीलगाय, दो सींग वाला हिरण, बाघ ,मोर जैसे बहुत से लुप्तप्राय जानवर उपलब्ध होते हैं।आप भी वहां चिड़िया घरो के जानवरों के साथ समय बिता सकते हैं।यहां तक की पिकनिक भी कर सकते हैं।

शिखर जलप्रपात

शिखर जलप्रपात देहरादून के सबसे खूबसूरत झरनों में से एक है। हालांकि, हर किसी को इन झरनों की सुंदरता का अनुभव नहीं होता है क्योंकि आपको इस झरने तक पहुंचने के लिए ऊबड़-खाबड़ इलाके से 1 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। ट्रेक झरने को और भी बेहतर बनाता है क्योंकि आप अपने कठिन ट्रेक के बाद इन शानदार झरनों को देखने में सक्षम होने के कारण उपलब्धि की भावना प्राप्त करते हैं। अगर आप एडवेंचर के शौकीन हैं तो यह देहरादून की सबसे अच्छी जगहों में से एक है।

केदारकांठा

केदारकांठा की चोटी एक आसान ट्रेक है जिसे आप अपने जीवन के सर्वश्रेष्ठ साहसिक अनुभवों में से एक देने के लिए शुरू कर सकते हैं। शहर से लगभग 80 किमी दूर स्थित यह रिज आकार की चोटी साल भर ट्रेकर्स के लिए उपलब्ध रहती है और यहां तक कि सर्दियों में भी बर्फ से ढकी रहती है। टोंस नदी घाटी में इस चोटी पर ट्रेकिंग करना एक सपना है कई ट्रेकर्स के लिए।

आसन बैराज

आसन बैराज देहरादून के पास कृत्रिम झील पक्षी प्रेमियों का स्वर्ग है । यह कृत्रिम झील बैराज द्वारा बनाई गई है यह हर साल पक्षियों की हजारों प्रजातियां को अपनी और आकर्षित करती है। यह झील पहाड़ों से घिरा हुआ है यह सबसे खूबसूरत जगह में एक माना जाता है। जहां आप देहरादून जाने के बाद घूमने जा सकते हैं।

टपकेश्वर मंदिर

टपकेश्वर मंदिर को देहरादून का सबसे पवित्र स्थान माना जाता है और यह देहरादून के निकट दर्शनीय स्थलों में से एक है। इन गुफाओं की लोकप्रियता दो बातों से आती है। सबसे पहले, यह गुफा कभी द्रोणाचार्य का घर था, यही वजह है कि इसे द्रोण गुफा के नाम से भी जाना जाता है। दूसरे, नदी गुफा में बहती है। स्वाभाविक रूप से मंदिर के अंदर शिवलिंग के ऊपर टपकती रहती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!