लक्ष्य सेन: भारत के युवा बैडमिंटन सितारे || जीवनी, परिवार, ओलंपिक्स 2024

Lakshya Sen Biography in Hindi: Olympics 2024

लक्ष्य सेन: भारत के युवा बैडमिंटन सितारे (Lakshya Sen Biography in Hindi)

लक्ष्य सेन (Lakshya Sen) भारतीय बैडमिंटन के एक उभरते हुए सितारे, का जन्म 16 अगस्त 2001 को अल्मोडा, उत्तराखंड में हुआ। वर्तमान में 22 वर्षीय लक्ष्य, भारतीय बैडमिंटन के भविष्य के रूप में देखे जा रहे हैं। उनके पिता धीरेन्द्र के सेन और माँ निर्मला सेन ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और प्रोत्साहित किया।

लक्ष्य सेन का जन्म सिंह राशि के अंतर्गत हुआ, जिससे उनके व्यक्तित्व में साहस और आत्मविश्वास की झलक मिलती है। उनका समर्पण और मेहनत ने उन्हें भारतीय बैडमिंटन के सबसे प्रमुख खिलाड़ियों में से एक बना दिया है।

लक्ष्य सेन (Lakshya Sen) के जीवन में उनके माता-पिता का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनके पिता, डीके सेन, एक जाने-माने बैडमिंटन कोच हैं, जिन्होंने लक्ष्य को इस खेल के प्रति प्रेरित किया और उनके शुरुआती कोच भी रहे। डीके सेन ने अपने बेटे को खेल की बारीकियों से अवगत कराया और उनकी प्रतिभा को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

लक्ष्य की माँ, निर्मला सेन, एक अध्यापिका हैं, जिन्होंने हमेशा अपने बेटे का मनोबल ऊँचा रखा और परिवार की देखभाल करते हुए लक्ष्य के सपनों को साकार करने में समर्थन दिया। लक्ष्य सेन का परिवार उत्तराखंड के अल्मोड़ा में रहता है, जहाँ उन्होंने अपना बचपन बिताया और शुरुआती प्रशिक्षण प्राप्त किया। उनके माता-पिता ने अपने बेटे के करियर को संवारने के लिए बहुत मेहनत की और उनके हर निर्णय में उनका समर्थन किया।

लक्ष्य के परिवार ने उन्हें बैंगलोर स्थित प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी में दाखिला दिलवाया, जहाँ उन्हें विश्व स्तरीय प्रशिक्षण मिला। इस अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, लक्ष्य ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और भारतीय बैडमिंटन के प्रमुख खिलाड़ियों में अपनी जगह बनाई।

जहाँ तक लक्ष्य सेन की वैवाहिक स्थिति का सवाल है, लक्ष्य सेन अविवाहित हैं। अभी उनका पूरा ध्यान अपने बैडमिंटन करियर पर केंद्रित है और वे पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत के लिए पदक जीतने की तैयारी कर रहे हैं।

2022 में, लक्ष्य सेन को बैडमिंटन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें उनके खेल में अद्वितीय योगदान और उत्कृष्टता के लिए दिया गया, जिसने उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई।

लक्ष्य सेन का बैडमिंटन करियर बहुत ही प्रेरणादायक है। उन्होंने कम उम्र में ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और शानदार प्रदर्शन किया। उनके खेल की तकनीक और कौशल ने उन्हें एक सफल बैडमिंटन खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है।

ओलंपिक्स 2024 (Lakshya Sen in Olympic 2024)

भारत के लक्ष्य सेन को स्वर्ण पदक जीतने के अपने सपने को जिंदा रखने के लिए असाधारण प्रदर्शन करना होगा क्योंकि रविवार को पेरिस खेलों में पुरुष एकल सेमीफाइनल में उनका सामना मौजूदा ओलंपिक चैंपियन विक्टर एक्सेलसन से होगा।

अपने ओलंपिक पदार्पण में, सेन ने शुक्रवार को सेमीफाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष शटलर बनकर इतिहास रच दिया। उन्होंने क्वार्टर फाइनल में चीनी ताइपे के चोउ टिएन चेन को 19-21, 21-15, 21-12 के स्कोर से हराया।

उनका निरंतर समर्पण और खेल के प्रति जुनून उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। लक्ष्य सेन भारतीय बैडमिंटन के भविष्य के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं और उनके प्रशंसक उनकी आगामी सफलता की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

लक्ष्य सेन ने साबित कर दिया है कि सही मार्गदर्शन, कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए हम सभी उन्हें शुभकामनाएँ देते हैं।

Piyush Kothyari

Hi there, I'm Piyush, a proud Uttarakhand-born author who is deeply passionate about preserving and promoting the culture and heritage of my homeland. I am Founder of Lovedevbhoomi, Creative Writer and Technocrat Blogger.

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