उत्तराखंड में होमस्टे का बिजनेस कैसे शुरू करें?

उत्तराखंड में होमस्टे का बिजनेस

होमस्टे: हम सब ने अक्सर संस्कृत का एक वाक्य “अतिथि देवो भवः” सुना ही होगा। इसका भावार्थ यह है कि मेहमान भगवान स्वरूप होते हैं। हम भारतीयों के लिए मेहमान को अपने घर बुलाना एक बड़े ही सम्मान की बात मानी जाती है। कहा जाता है कि भारतीयों द्वारा किया जाने वाला अतिथियों का सम्मान कही और नही मिलता है। 

भारत में पर्यटन निजी और व्यवसायिक कार्यो के लिए बहुत सारे लोग होटलों में ठहरते हैं। ऐसे में भारतीयों द्वारा मिलने वाले अतिथियों के सम्मान के बारे मे उन्हें अनुभव नहीं हो पाता है। अब एक अच्छी बात यह है कि भारत में भी पश्चिमी देशों की तरह होमस्टे का प्रचलन बढ़ रहा है। जिसका लाभ भारतीय घरेलू पर्यटक के साथ-साथ विदेशी लोग भी उठा सकते हैं। लोग यह सुविधा पर्यटकों को देखकर पैसा भी कमा सकते हैं।

होम स्टे क्या है – 

होमस्टे का तात्पर्य अतिथियों को (पर्यटकों को) अपने घर मे परिवार के साथ रहने की सुविधा देना, उनका ध्यान रखने से है। मतलब अपने घर मे ठहरने पर्यटकों को मेहमान की तरह रखना है। है। 

यह एक ऐसी अवधारणा है जिसमें बाहर से आने वाले मेहमानों को परिवार के साथ किराए पर ठहराया जाता है। इसमें ठहरने वाले अतिथियों को होटलों जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती है। इसे सामान्य भाषा में इस तरह से भी समझ सकते हैं जैसे जब कोई मेहमान घर पर आता है तब हम उसका आदर सत्कार कार करते हैं। उसी तरह से बाहर से आने वाले मेहमान है यदि हमारे घरों में कुछ दिन ठहरता है और ठहरने के बदले में किराया देता है जिससे ठहराने वाले व्यक्ति को आमदनी भी होती है। इसे ही होमस्टे कहा जाता है। 

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होमस्टे का बिजनेस –

होमस्टे को गेस्ट हाउस का व्यवसाय भी कहा जा सकता है। आज के समय में होमस्टे एक अच्छा बिजनेस बन गया है। होम स्टे का बिजनेस शुरू करने के लिए आपके पास अपने घर में कुछ अतिरिक्त कमरे होने चाहिए जिन्हें आप किराए पर दे सकें।

होमस्टे की मांग

इन दिनों होमस्टे बिजनेस की मांग काफी बढ़ गई है। आजकल लोग एक जगह ठहर करना काम करना नही पसंद करते हैं। लोगों को घूमना पसंद है। बहुत बार होटलों में लोग ठहरते हैं लेकिन उन्हें इतनी सुविधा नहीं मिल पाती है जितना होमस्टे में मिलती है।

इसलिए लोग होमस्टे को प्राथमिकता देने लगे हैं। होमस्टे में मेहमानों को आवासीय सुविधा के साथ स्थानीय खानपान की सुविधा भी मिलती है। उन्हें बाहर से कुछ भी मंगाने की आवश्यकता नही रहती। 

हमारे अपने प्रदेश देवभूमि उत्तराखंड में सरकार भी पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ प्रदेश सरकार होमस्टे को बढ़ावा दे रही है। इसके पीछे सरकार की मंशा यह है कि स्थानीय लोगों को होमस्टे के जरिए रोजगार के अवसर मिल सके और उन्हें अच्छी आमदनी हो सके और पलायन रुके। 

प्रदेश में होमस्टे को क्यो दिया जा रहा है बढ़ावा – 

जैसा कि हम जानते है हमारी देवभूमि उत्तराखंड के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे कई पर्यटन स्थल हैं जो अपने नैसर्गिक छटा और सांस्कृतिक विरासत को खुद में समेटे हुए हैं, किंतु इन स्थलों पर पर्यटक को उचित आवास एवं खानपान की सुविधा न मिल पाने से पर्यटक इन स्थलों का आनंद लेने से वंचित रह जाते हैं।

प्रदेश सरकार शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ सुदूर स्थित क्षेत्रों में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए होमस्टे की सुविधा को बढ़ाने तथा स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की मंशा रखती है। इसलिए सरकार ने होमस्टे योजना शुरू की है। जिससे स्थानीय स्तर पर ही लोगों को रोजगार मिल सके और उनके आय का जरिया बना सके। 

होमस्टे योजना शुरू करने के पीछे मूल विचार यह है कि विदेशी और घरेलू पर्यटकों को साफ और किफायती दर पर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में भी आवासीय सुविधा मिल सके। इससे विदेशी पर्यटकों को भारतीय परिवार के साथ रहने का अनुभव उनकी संस्कृति से जोड़ने का अनुभव मिल सकेगा। साथ ही पर्यटक स्थानीय परंपराओं को समझ सकेगे और प्रदेश के स्थानीय व्यंजनों का स्वाद ले सकेंगे।

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