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Beautiful Place in Uttarakhand | 5 ऐसी मनमोहक जगह जहां पर लोग घूमने जाते हैं

Beautiful Place in Uttarakhand | जाने उत्तराखंड के 5 ऐसी मनमोहक जगह जहां पर लोग घूमने जाते हैं

वेसे तो देवभूमि उत्तराखंड अपने आप में एक ख़ूबसूरत जगह हें, उन्ही ख़ूबसरत स्थानो में से आज हम बात करेंगे 5 ऐसी मनमोहक जगहों की जहां पर लोग ज़्यादातर घूमने जाते हैं 

हरिद्वार और ऋषिकेश

Source : Google Search

जैसा की हम सभी जानते है “हरिद्वार”  भारत के सात सबसे पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है,  यह  प्राचीन नगरी है और उत्तरी भारत में स्थित है आपको यह जानकारी दे दे की हरिद्वार हमारे उत्तराखंड के चार पवित्र चारधाम यात्रा का प्रवेश द्वार है | यह भगवान शिव की भूमि और भगवान विष्णु की भूमि भी है। इसे सत्ता की भूमि के रूप में भी जाना जाता है यह पवित्र शहर भारत की जटिल संस्कृति और प्राचीन सभ्यता का खजाना है। पवित्र गंगा नदी के किनारे बसे “हरिद्वार” का शाब्दिक अर्थ “हरी तक पहुचने का द्वार” है। पश्चात्कालीन हिंदू धार्मिक कथाओं के अनुसार, हरिद्वार वह स्थान है जहाँ अमृत की कुछ बूँदें भूल से घड़े से गिर गयीं जब उस घड़े को समुद्र मंथन के बाद ले जा रहे थे।

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हिमालय का प्रवेश द्वार,ऋषिकेश  है जहाँ पहुँचकर गंगा पर्वतमालाओं को पीछे छोड़ समतल धरातल की तरफ आगे बढ़ जाती है। ऋषिकेश का शांत वातावरण कई विख्यात आश्रमों का घर है। हिमालय की निचली पहाड़ियों और प्राकृतिक सुन्दरता से घिरे इस धार्मिक स्थान से बहती गंगा नदी इसे अतुल्य बनाती है। ऋषिकेश को केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री का प्रवेशद्वार माना जाता है। हर साल यहाँ के आश्रमों के बड़ी संख्या में तीर्थयात्री ध्यान लगाने और मन की शान्ति के लिए आते हैं। 

औली और देवप्रयाग

औली में प्रकृति ने अपने सौन्दर्य को खुल कर बिखेरा है। बर्फ से ढकी चोटियों और ढलानों को देखकर  हमारा मन प्रसन्न हो जाता है। जिंदादिल लोगों के लिए औली बहुत ही आदर्श स्थान है। यहाँ पर बर्फ गाड़ी और स्लेज आदि की व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा यहाँ पर अनेक सुन्दर दृश्यों का आनंद भी लिया जा सकता है। नंदा देवी के पीछे सूर्योदय देखना एक बहुत ही सुखद अनुभव है। बर्फ गिरना और रात में खुले आकाश को देखना मन को प्रसन्न कर देता है। शहर की भागती-दौड़ती जिंदगी से दूर औली एक बहुत ही बेहतरीन पर्यटक स्थल है।

देवभूमि के सभी शहरों का स्वयं का एक इतिहास है, इसी क्रम में देवप्रयाग शहर का भी अपना एक अलग और अनोखा इतिहास है। यह शहर पंडितों का स्थान है और ये पंडित बद्रीनाथ धाम से संबंधित होते हैं । देवप्रयाग में गंगोत्री से आने वाली भागीरथी नदी एवं बदरीनाथ धाम से आने वाली अलकनंदा नदी का संगम होता है और देवप्रयाग से यह नदी पवित्र गंगा के नाम से जानी जाती है।मान्यतानुसार यहां देवशर्मा नामक एक तपस्वी ने कड़ी तपस्या की थी, जिनके नाम पर इस स्थान का नाम देवप्रयाग पड़ा। प्रयाग किसी भी संगम को कहा जाता है। यह वेधशाला दो बड़ी दूरबीनों (टेलीस्कोप) से सुसज्जित है और यहां खगोलशास्त्र संबंधी पुस्तकों का बड़ा भंडार है। इसके अलावा यहां देश के विभिन्न भागों से विभिन्न संबंधित पांडुलिपियां सहेजी हुई हैं। 

अल्मोड़ा और कौसानी

अल्मोड़ा का पहाड़ी स्थल पहाड़ की एक घोड़े की नाल के आकार की रिज पर स्थित है, जिसमें पूर्वी भाग को तालिफाट कहा जाता है और पश्चिमी को सेलिफाट के रूप में जाना जाता है। अल्मोड़ा का परिदृश्य हर साल पर्यटकों को हिमालय, सांस्कृतिक विरासत, हस्तशिल्प और भोजन के अपने विचारों के लिए आकर्षित करता है, और कुमाऊं क्षेत्र के लिए एक व्यवसाय केंद्र है। रिज के पूर्वी भाग को तालिफत और पश्चिमी भाग को सेलिफत के नाम से जाना जाता है। यहाँ का स्थानीय बाज़ार रिज की चोटी पर स्थित है जहाँ पर तालिफत और सेलिफत संयुक्त रूप से समाप्त होते हैं।जहाँ पर अभी छावनी है, वह स्थान पहले लालमंडी नाम से जाना जाता था वही भारत का खूबसूरत पर्वतीय पर्यटक स्‍थल कौसानी उत्तराखंड राज्‍य के अल्‍मोड़ा जिले से 53 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। यह बागेश्वर जिला में आता है। हिमालय की खूबसूरती के दर्शन कराता कौसानी पिंगनाथ चोटी पर बसा है। यहां से बर्फ से ढ़के नंदा देवी पर्वत की चोटी का नजारा बडा भव्‍य दिखाई देता हैं। कोसी और गोमती नदियों के बीच बसा कौसानी भारत का स्विट्जरलैंड कहलाता है। हमारे यहां के खूबसूरत प्राकृतिक नजारे, खेल और धार्मिक स्‍थल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

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रानीखेत

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रानीखेत है जो कि राज्य के अल्मोड़ा ज़िले मे एक पहाड़ी पर्यटन स्थल है  यहां से मध्य हिमालयी श्रेणियाँ स्पष्ट देखी जा सकती हैं। प्रकृति प्रेमियों का स्वर्ग रानीखेत समुद्र तल से काफी ऊंचाई पर स्थित एक छोटा लेकिन बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन है। छावनी का यह शहर अपने पुराने मंदिरों के लिए मशहूर है।  उत्तराखंड की कुमाऊं की पहाड़ियों के आंचल में बसा रानीखेत फ़िल्म निर्माताओं को रानीखेत  बहुत पसन्द आता है। कोलाहल तथा प्रदूषण से दूर ग्रामीण परिवेश का अद्भुत सौंदर्य आकर्षण का केन्द्र है। चौबटिया में प्रदेश सरकार के फलों के उद्यान हैं। इस पर्वतीय नगरी का मुख्य आकर्षण यहाँ विराजती नैसर्गिक शान्ति है।रानीखेत का मौसम सर्दियों में बहुत ठंडा हो जाता है, और गर्मियों में मध्यम रहता है। सर्दी के मौसम में रानीखेत में बर्फ भी पड़ती है,बाकी महीनों में रानीखेत का मौसम सुखद रहता है।

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मसूरी

मसूरी जो कि भारत के उत्तराखण्ड राज्य का एक पर्वतीय नगर है, जिसे पर्वतों की रानी भी  हम कहते है मसूरी पर्वतीय पर्यटन स्थल हिमालय पर्वतमाला के मध्य हिमालय भाग मे है, मसूरी मे  सर्दियों के मौसम बर्फ गिरता है उस समय मसूरी मे काफी शांतिपूर्ण वातावरण रहता है।

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मसूरी दक्षिण में हिमालय हिम पर्वतमाला उत्तर-पूर्व और दून घाटी, रुड़की, सहारनपुर और हरिद्वार के लिए एक अद्भुत दृश्य बना रहता है। मसूरी एक प्रमुख पर्यटन स्थल पर्यटकों के बीच विशेष रूप से यह दिल्ली के लिए निकटतम हिल स्टेशन के रूप में है। यहाँ पर नाग देवता का मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है।यहां सुबह-शाम घूमने के लिए निकलने वालों लोगो के लिए कैमल बैक रोड पसंदीदा स्थान  है। जो भी लोग मसूरी घुमने आते है वो लोग शाम के समय छिपता हुआ सूरज यानी ‘सनसैट’ देखने के लिए यहां जरूरी आते हैं।

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