वनाग्नि से बचाव के प्रयासों पर गोष्ठि

वनाग्नि से बचाव के प्रयासों पर गोष्ठि

पिथौरागढ़: वन चेतना सभागार में पीपुल्स साइंस इंस्टीट्यूट के तत्वावधान में उत्तराखंड वनाग्नि एवं आपदा नियंत्रण के प्रतिनिधि पूरन बड़थ्वाल की अध्यक्षता में गोष्ठी आयोजित की गई। गोष्ठि में वनाग्नि से बचाव, प्रयास और सफलता पर विस्तार से चर्चा की गई। पूरन बड़थ्वाल ने कहा कि प्रतिवर्ष फायर सीजन में वन संपदा को भारी नुकसान होता है। इसको रोकने के लिए विभाग द्वारा व्यापक स्तर पर प्रयास किये जाते हैं। यह गोष्ठी उन्हीं प्रयासों पर समीक्षा के रूप में की जा रही है। ताकि इस बार अनुभवों से सबक लेकर अगले वर्ष और वृहद स्तर पर कार्य किया जा सके।

वनाग्नि से जंगलों को बचाने वाले अग्रिम पंक्ति के स्टाफ को सराहना मिलनी आवश्यक है। साथ ही उनके सामने आने वाली चुनौतियों को दूर करने के लिए शासन स्तर पर प्रयास किया जाएगा।

वन क्षेत्राधिकारी दिनेश जोशी ने कहा कि फायर वाचर के सामने भी अनेक कठिनाइयां आती है। उसके बाद भी वह पूर्ण निष्ठा के साथ कार्य करता है। वनों को आग से बचाने के लिए जागरूकता कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है। गांव वालों को अपने वनों की रक्षा का संकल्प लेना चाहिए । साथ ही अन्य विभागों से समन्वय एवं समुचित तालमेल से बहु वनाग्नि को रोका जा सकता है।

इस अवसर पर उज्ज्वल, उ.प्र. वनाधिकारी डीडीहाट, वन दरोगा सोड़लेख, वन दरोगा थलकेदार, शुभम, मनोज सिंह, वन दरोगा ज्योति, वन दरोगा भावना धामी, फायर वाचर रविन्द्र आदि उपस्थित थे।

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