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जानते है देव भूमि उत्तराखंड के 10 सबसे ठंढी खूबसूरत जगह के बारे में

उत्तराखंड में ऐसे कई सारी जगह है जहाँ से गर्मी का एहसास तक नहीं होता है गर्मी के मौसम में भी ठंड लगती है । देवभूमि उत्तराखंड में हरे भरे जंगल उफनती नदियों की धाराएँ और वहाँ का सुखद मौसम हर किसी को अपनी तरफ़ आकर्षित करता है । आज हम जानेंगे उत्तराखंड के कुछ ऐसी जगहों के बारे में जहाँ गर्मियों में भी तापमान बेहद कम होता है और ठंड के मौसम में तो वहाँ बर्फ़ पड़ी रहती है ।

आइये जानते हैं उत्तराखंड के सबसे ठंडी जगहों के बारे में है जहाँ हर मौसम में घूमा जा सकता है ।

1) नाग टिब्बा –

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नाग टिब्बा का अर्थ होता है – सर्प चोटी । नाग टिब्बा देव भूमि उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र के निचले हिमालय की सबसे ऊंची चोटी है । इसे टिब्बा रेंज के नाम से भी जानते हैं । इसकी अन्य दो रेंज धौलावीरा और पीर पंजाल है । नाग टिब्बा बसंत के मौसम में और गर्मियों के दौरान घूमने की अच्छी जगह है । यह ट्रेकिंग के लिए भी जाना जाता है । जब यहां ज्यादा बर्फ गिरती है तो अधिकांश ट्रैक को बंद भी कर दिया जाता है । इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 3025 मीटर है । यह लंढोल छावनी से दूरी 16 किलोमीटर और टिहरी गढ़वाल में स्थित मसूरी से 57 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ।

नाग टिब्बा राजसी सौंदर्य के साथ ट्रेकिंग के प्रेमियों के लिए उपयुक्त स्थान है । यहां से केदारनाथ शिखर, गंगोत्री समूह की चोटियाँ, चना बंग की बर्फ की पहाड़ियां देखे जा सकते हैं । ऐसी मान्यता है कि नाक टिब्बा में सांपों के देवता का निवास था । यहां के स्थानीय ग्रामीण अपने मवेशियों की सुरक्षा के लिए नाग देवता से प्रार्थना करते हैं ।

गर्मियों के मौसम में नाग टिब्बा का तापमान 10 – 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है ।

कैसे पहुंचे –

नाग टिब्बा पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा जौलीग्रांट हवाई अड्डा है, जहां से नाक टिब्बा की दूरी 96 किलोमीटर है । रेल माध्यम से निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून रेलवे स्टेशन है, जहां से नाग टिब्बा की दूरी 73 किलोमीटर है, जहां से नाग टिब्बा जाने के लिए आसानी से कार और टैक्सी की सुविधा मिल जाती है ।

2) औली –

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औली को उत्तराखंड की सबसे खूबसूरत जगहों में से माना जाता है । यह चारो तरफ बर्फ से ढकी हिमालय की पहाड़ियां और देवदार के ऊंचे ऊंचे पेड़, घांस के हरे-भरे मैदान और पहाड़ों के ढलान के बीच में स्थित है । औली उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है । यह जगह स्किइंग के लिए जानी जाती है । यह टूरिस्टो को और उन लोगों को जो एडवेंचर पसंद करते हैं, को अपनी तरफ आकर्षित करती है । यहां से नंदा देवी, माना पर्वत जैसे पर्वतों की श्रृंखलाओं को देखा जा सकता है । यहां पर नवंबर से मार्च के बीच काफी पर्यटक स्कीईंग के लिए आते हैं । फरवरी के महीने में यहां भारी बर्फबारी होती है और मौसम बहुत ज्यादा ठंडा हो जाता है । गर्मियों के मौसम में भी यहां ठंड पड़ती है ।

गर्मियों के मौसम में औली का औसत तापमान 8- 15 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है ।

कैसे पहुंचे –

औली पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा जौली ग्रांट एयरपोर्ट है जिसकी औली से दूरी 220 किलोमीटर है औली पहुंचने के लिए सबसे निकटतम हवाई अड्डा रेलवे स्टेशन ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है जो कि 230 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है इसके बाद टैक्सी बस की सुविधा आसानी से उपलब्ध हो जाती है सड़क मार्ग से औली जाने का अनुभव एक यादगार पल हो सकता है क्योंकि इस दौरान रास्ते में पढ़ने वाले प्राकृतिक सौंदर्य सफर को रोमांचक बना देती है ।

3) एबट माउंट –

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एबट माउंट को छोटे हिल स्टेशन के तौर पर भी जाना जाता है । इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 2100 मीटर है । उत्तराखंड के चंपावत जिले में कुमाऊ के गोद में बसा हुआ यह हिल स्टेशन है । एबट माउंट पंचेश्वर में महाशीर मछली पकड़ने के लिए एक बेस कैंप भी है । यहां पर कई सारे यूपीय महलों को देखा जा सकता है, साथ ही प्रार्थना करने के लिए एक पुराना चर्च भी है । यह प्रकृति की असीम सुंदरता के साथ मन को शांति देने वाली जगह है । यहां फोटोग्राफी का आनंद लिया जा सकता है क्योंकि यहां प्रकृति के खूबसूरत नजारे चारों तरफ देखने को मिलते हैं ।

गर्मियों के मौसम में यहां का तापमान 10 से 20 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है ।

कैसे पहुंचे –

पंतनगर हवाई अड्डा एबट माउंट का सबसे निकटतम हवाई अड्डा है जो 180 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन टनकपुर रेलवे स्टेशन है जहां से इसकी दूरी 80 किलोमीटर है ।

4) केदारनाथ –

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केदारनाथ को हिंदूओ के लिए पवित्र स्थान में से एक गिना जाता है । यह रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है । केदारनाथ मंदिर को 12 ज्योतिर्लिंग में से सम्मिलित होने की वजह से चारधाम और पंच केदार में से एक माना जाता है । यह पत्थरों से बना कत्यूरी शैली का मंदिर है । इसका निर्माण पांडव वंश के जन्मेजय ने करवाया था । यहां पर स्थित शिवलिंग अति प्राचीन माना जाता है ।

केदारनाथ का औसत तापमान गर्मियों के मौसम में 5 से 15 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है ।

कैसे पहुँचे –

केदारनाथ जाने के लिए निकटतम हवाई अड्डा देहरादून में स्थित जौली ग्रांट एयरपोर्ट है जहां से केदारनाथ की दूरी 239 किलोमीटर है । हरिद्वार रेलवे स्टेशन से केदारनाथ पहुंचा जा सकता है । उसके बाद वहां से आसानी से बस और टैक्सी की सुविधा उपलब्ध हो जाती है ।

5) मुक्तेश्वर

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मुक्तेश्वर नैनीताल जिले में स्थित कुमाऊं क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला ऊंचाई पर स्थित एक छोटा हिल स्टेशन है ।इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 2286 मीटर है । इसे साइलेंट सिटी भी कहा जाता है । यहां पर 350 साल पुराना शिव मंदिर भी मुक्तेश्वर धाम में स्थित है । मुक्तेश्वर जाने के लिए यात्रा के दौरान देवदार के घने जंगल देखे जा सकते हैं, इसके अलावा यहां से बर्फ से ढके पहाड़, रंग बिरंगे फूल और पक्षियों को भी देखा जा सकता है ।

मुक्तेश्वर का तापमान गर्मियों के मौसम में 12 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है ।

कैसे पहुंचे –

मुक्तेश्वर पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है जहां से इसकी दूरी 91 किलोमीटर है । यहां पहुंचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन है रेलवे स्टेशन से मुक्तेश्वर की दूरी 57 किलोमीटर है । उसके बाद बस टैक्सी जीप की सेवाएं उपलब्ध हो जाती हैं ।

6) बद्रीनाथ-

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बद्रीनाथ उत्तराखंड के चमोली जनपद में अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है । समुद्र तल से बद्रीनाथ की ऊंचाई 3133 मीटर है । यहां पर हिंदुओं का प्राचीन मंदिर स्थित है, जिसे बद्रीनारायण मंदिर भी कहा जाता है । यह हिंदुओं के देवता विष्णु को समर्पित है । बद्रीनाथ को चार धामों में से एक माना जाता है । विष्णु पुराण, महाभारत और स्कंद पुराण जैसे कई प्राचीन ग्रंथों में बद्रीनाथ मंदिर का उल्लेख मिलता है । इसे पवित्र तीर्थ स्थानों में से एक माना जाता है । ऐसी मान्यता है कि बद्रीनाथ में ही भगवान शिव को ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति मिली थी । कहा जाता है कि बद्रीनाथ मंदिर के पुजारी शंकराचार्य के वंशज होते हैं । यहां से पहाड़ों के सुंदर नजारे देखे जा सकते हैं ।

गर्मियों के मौसम में बद्रीनाथ का तापमान 7 से 18 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है ।

कैसे पहुंचे –

बद्रीनाथ पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा जौलीग्रांट हवाई अड्डा है जो बद्रीनाथ से 317 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । इसके लिए निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है जहां से बद्रीनाथ की दूरी 297 किलोमीटर है । ऋषिकेश, हरिद्वार से भी बद्रीनाथ जाने के लिए टैक्सी की सुविधाएं मिल जाती हैं ।

7 ) मसूरी –

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मसूरी उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित है । इसे एक सुंदर हिल स्टेशन के तौर पर भी जाना जाता है । यह हिमालय पर्वत के मध्य हिमालय श्रेणी में आता है । मसूरी की खोज 1825 में कैप्टन यंग ने की थी जो एक ब्रिटिश मिलिट्री के अधिकारी थे । इसे पहाड़ों की रानी भी कहा जाता है । समुद्र तल से मसूरी की ऊंचाई 2112 मीटर है । यहां पर विभिन्न प्रजाति के पेड़-पौधे और पशु- पक्षियों को देखा जा सकता है । मसूरी को गंगोत्री का प्रवेश द्वार में कहते हैं ।

मसूरी में ही लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशिक्षण अकादमी (LBSNAA ) स्थित है, जो कि भारतीय प्रशासनिक सेवाओं का एकमात्र प्रशिक्षण केंद्र है । मसूरी के आसपास प्रकृति के सुंदर नजारे देखने को मिलते हैं ।

गर्मियों के मौसम में मसूरी का तापमान औसत 14 – 26 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है ।

कैसे पहुँचे –

मसूरी जाने के लिए निकटतम हवाई अड्डा देहरादून में स्थित पंतनगर हवाई अड्डा है, जहां से यह 60 किलोमीटर की दूरी पर है तथा देहरादून रेलवे स्टेशन से यह मात्र 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ।

8)  नैनीताल

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नैनीताल भारत के सबसे सुप्रसिद्ध पर्यटन स्थल के तौर पर जाना जाता है । यह कुमाऊं की पहाड़ियों की तलहटी में स्थित है और समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 2084 मीटर है । इसे झीलों का शहर भी कहा जाता है क्योंकि यह बर्फ से ढके हुए पहाड़ों के बीच झीलों से घिरी हुई जगह है । इसमें सबसे प्रमुख झील का नाम नैनी है और इसी के नाम पर इस जगह का नाम नैनीताल पड़ा । नैनीताल को जिधर से भी देखा जाए हर तरफ प्रकृति के सुंदर नजारे देखने को मिलते है ।

गर्मियों के मौसम में यहां का तापमान 8 से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है । नैनीताल के बारे में जानने के लिए इसे भी देखे  जाने नैनीताल के बारे में 5 दिलचस्प और अज्ञात तथ्य

कैसे पहुंचे –

नैनीताल जाने के लिए सबसे निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है जोकि नैनीताल से 70 किलोमीटर दूर है । नैनीताल जाने के लिए सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन है, जहां से इसकी दूरी 34 किलोमीटर है ।

9) चोपता –

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चोपता गढ़वाल क्षेत्र के अंतर्गत आता है और रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है । चोपता को छोटे हिल स्टेशन के तौर पर भी जाना जाता है । समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 2608 मीटर है । शब्दों को भारत के स्विट्जरलैंड के नाम से भी जाना जाता है । यह कम भीड़भाड़ वाला छोटा हिल स्टेशन है । चोपता में ट्रेकिंग, फोटोग्राफी, कैंपिंग रॉक क्लाइम्बिंग का मजा लिया जा सकता है । चोपता के बारे में अधिक जानकारी के लिए पढ़े चोपता (CHOPTA) : भारत का स्विट्जरलैंड

कैसे पहुँचे –

चोपता जाने के लिए उत्तराखंड में स्थित सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जौली ग्रांट हवाई अड्डा है, जो कि 221 किलोमीटर दूर है । चोपता जाने के लिए सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन है जो कि 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ।

10) रानीखेत –

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रानीखेत अल्मोड़ा जिले में स्थित है । यहां चारों तरफ फूलों की घाटियां फैली हुई है, जिसका प्राकृतिक नजारा मनमोहक होता है । रानीखेत को पहाड़ों की रानी भी कहा जाता है । यहां पर कई सारे प्राचीन मंदिर भी स्थित हैं,जिसमें झूला देवी, मनकामेश्वर मंदिर, कालिका मंदिर, चौबटिया गार्डन, महादेव मंदिर, कटारमल सूर्य मंदिर प्रसिद्ध है । यहाँ एशिया का सबसे बड़ा गोल्फ कोर्स भी है । रानीखेत के बारे में विस्तार से जानने के लिए देखे रानीखेत नहीं देखा तो क्या देखा ? वादियों का मनमोहक प्राकृतिक सौंदर्य

कैसे पहुंचे

रानीखेत जाने के लिए निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है । यह रानीखेत से 85 किलोमीटर दूर है तथा सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ।

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