Site icon Lovedevbhoomi

उत्तराखंड में कृषि व्यवसाय के कुछ बेहतरीन नए आईडिया – Agriculture Business Ideas

Agriculture Business Ideas hindi

गांव में शुरु करें ये 7 बिजनेस, होगा लाखों का मुनाफा – Agriculture Business Ideas in Hindi

जैसा कि हम सभी जानते हैं हमारा उत्तराखंड भारत के उत्तरी भाग में स्थित है और यहां की मिट्टी बहुत ज्यादा उपजाऊ होती है।यहाँ वर्षा से सिंचित और असिंचित कृषि दोनो ही की जाती हैं, हालाँकि वर्षा से सिंचित कृषि ज़्यादा की जाती है।अगर हमारे उत्तराखंड के किसान खेती करते हैं तो वो कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाते हैं। इस बात से पता चलता है कि उत्तराखंड के कृषक खेती करने में काफी कुशल होते हैं।

हमारे उत्तराखंड में रोजगार के लिए लोग पहाड़ों से पलायन कर रहे हैं और इनकी संख्या दिन-प्रतिदिन तेजी से बढ़ती जा रही है। अपनी रोजी-रोटी की तलाश में उत्तराखंड को छोड़कर लोग शहर में जाकर काम कर रहे हैं।अगर वह चाहे तो यहाँ  रहकर और खेती करके कम पैसों में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। हजारों घरों के लोग 10 से 15 हज़ार कमाने के लिए अपने घर से दूर जाते हैं।

तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे फसल जिनको उगाने के बाद आप कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं:

बासमती चावल

Source : Pixabay License

उत्तराखंड में सबसे ज़्यादा बासमती चावल की खेती की जाती है।चावल की खेती करने में बहुत कम मेहनत करना पड़ता है। सबसे पहले तो जब बारिश होती है तब उस समय धान की रोपाई की जाती है।धान की रोपाई करने के लिए केवल 2 से 4 मजदूरों की जरूरत पड़ती है। अगर बारिश हो जाती है तो उसमें दोबारा पानी देने की जरूरत नहीं पड़ती हैं और अगर बारिश नहीं होती है तो एक बार फसलों में पानी दीया जाता है। उत्कृष्ट तापमान में जब धान कुछ दिन बाद पक जाते हैं तो बड़ी सावधानी से मशीन के द्वारा चावल को निकाल लिया जाता है और उसे मार्केट में ऊंचे दामों पर बेच दिया जाता है। चावल की खेती करके किसानों को कम लागत में ज्यादा मुनाफा होता है और इस तरह खेती करके वह अपना अच्छा बिजनेस स्टार्ट कर सकते हैं।

मशरूम की खेती

Source : Pixabay License

मशरूम ऐसी फसल है जिसमें बहुत कम पैसे लगाने पड़ते हैं। विस्तार से आपको बता दे मशरूम की खेती में एक लेबर की जरूरत होती है।अगर दो,चार लोग घर में हैं तो वह खुद भी खेती कर सकते हैं। मशरूम का उत्पादन 20 दिनों में शुरू हो जाता है और पैकेट बनाकर मशरूम को पैक किया जाता है।आप बिना पैक किए भी मशरूम को व्यापारी को लेकर अच्छा पैसा कमा सकते है। आपको यह जानकारी दे दे की जितना पैसा आप मशरूम की खेती में लगाते हैं आपका उतना पैसा 2 महीने में इकट्ठा हो जाता है।अगर कोई किसान मशरूम की खेती करता है तो उसे ज्यादा मुनाफा भी हो जाएगा और परेशानियां भी नहीं होगी। मशरूम की खेती करके किसान अपना अच्छा व्यापार शुरू कर सकता है।

जड़ी बूटियां

Source : Pixabay License

जैसा कि आप सभी जानते हैं आजकल तो जड़ी बूटियां से बहुत ज्यादा दवाइयां भी तैयार किया जाता है। अगर किसान चाहे तो इस जड़ी बूटी को बेचकर भी अच्छा पैसा कमा सकते हैं। जड़ी बूटियों की खेती करने में ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ती है और मुनाफा बहुत ही ज्यादा होता है।

हमारे उत्तराखंड में बहुत सारी ऐसी जगह है जहां की चट्टानों से भरी और पथरीली जमीन है। इसी वजह से किसान खेती नहीं कर पा रहे हैं। ऐसी जगहों पर किसान अपनी जड़ी बूटी उगाकर आसानी से 20 से 40 कमा सकते हैं।

अश्वगंधा के बीज, फल और छाल का कई रोगों के उपचार में प्रयोग किया जाता है। त्वचा रोगों में इसका इस्तेमाल लाभकारी होता है, ब्राह्ही जिसके नियमित सेवन से याददाश्त में इजाफा होता है। कई मानसिक रोगों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।उत्पन्न हुई स्थिति में किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने और साथ ही लोगों को किफायती औषधियां उपलब्ध कराने में यह खेती काफी कारगर साबित होगी।

गेंदे के फूल की खेती

Source : Pixabay License

आप सभी से यह छुपा नहीं है कि गेंदे के फूल की कितनी डिमांड की जाती है। अगर किसान गेंदे के फूल की खेती करते हैं तो वह कम समय में अच्छा व्यापार बना सकते हैं। गेंदे के फूल की खेती में जब गेंदे के पौधे की बुवाई की जाती है तो उसके लिए दो से चार लेबर रखने की जरूरत होती है। लेबरों की ज्यादा जरूरत गेंदों के फूलों की सिंचाई करने और कीटनाशक दवाई का छिड़काव करने में मदद पड़ती है। गेंदे के फूल की खेती करने में ज्यादा पैसे नहीं लगते हैं। शादियों में, मंदिर में, पार्टी फंक्शन और कई ऐसे कार्यक्रम में गेंदे के फूल का उपयोग किया जाता है और डीलर गेंदे के फूल का आर्डर भी काफी बढ़ चढ़कर लेते हैं जिससे किसानों को मुनाफा होता है।

कीवी की खेती

Source : Pixabay License

चाइनीज़ गूजबैरी जो कि ‘कीवी फल’ के नाम से प्रसिद्ध है उसकी डिमांड भारत में काफी होती है। कीवी का फसल मध्यवर्ती, निचले पर्वतीय क्षेत्रों, घाटियों तथा मैदानी क्षत्रों में की जाती है जहां सिंचाई की सुविधा उत्कृष्ट होती हैं। कीवी का फल काफी स्वादिष्ट होता है और इसका उपयोग ताजा फल के रूप में या सलाद के रूप में खाने के लिए होता है।यह फल अपने पोषक तत्वों और औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है| कीवी फल की खेती मुख्य रूप से सर्दी के मौसम दिसम्बर से जनवरी में पहले से तैयार किए हुए गढ्ढों में की जाती है।
कीवी फल के पौधों को लगाने के बाद चारों तरफ से मिट्टी को दबाकर तुरन्त सिंचाई करना आवश्यक होता है। पौध लगाने के बाद पाले से बचाने के लिए पौधों को सूखे घास या खरपतवार से ढक देना चाहिए व सिंचाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। करीब 1 फुट तक पूनिंग करने पर पौधे तेजी से बढ़ते हैं। जब कीवी अच्छे से तैयार हो जाते हैं तो उसे बाजारों में बेचा जाता है। इस फसल की खेती करने से किसानों को बहुत ज्यादा पैसे कमाने का मौका मिलता है।

मसूर दाल की खेती

Source : Amazon.in

मसूर दाल सबसे प्राचीनतम एवं महत्वपूर्ण फसल है और इस दाल में सर्वाधिक पोस्टिक होते हैं जिससे पेट के सारे विकार समाप्त हो जाते हैं।मसूर की खेती कम वर्षा और विपरीत परस्थितिओं वाली जलवायु में भी सफलतापूर्वक की जा सकती है। अक्टूबर और नवंबर महीनों के बीच में मसूर दाल के बीज की रोपाई होती है। फली में दाना परते ही सिंचाई कर दी जाती है जिससे फसल के ऊंची स्तर पर उपजाऊ के लिए लाभप्रद है। जब फसल अच्छे से पक जाती है तब उसे काटने की प्रक्रिया शुरू होती है। फसल की कटाई होने के बाद उसे बाजार में बेचना आरंभ कर दिया जाता है।मसूर दाल की खेती करने से किसानों को बहुत ही ज्यादा फायदा होता है क्योंकि इस दाल की डिमांड कभी कम नहीं होती है और दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जाती है।

खीरे की खेती

Source : Pixabay License

खीरे की खेती करके किसान मालामाल हो रहे हैं। किसानों को इससे लाखों रुपये प्रति बीघा की आमदनी हो रही है।खीरे की खेती के लिए किसान दिसंबर के महीने में प्लास्टिक के गिलास में मिट्टी भरकर बीज अंकुरित करने के लिए डाल देते हैं। धान की फसल कटने के बाद जनवरी के अंतिम सप्ताह में उन पौधों को खेतों में रोपित कर दिया जाता है। धीरे-धीरे जब खीरा पकता है तो उसे खेत से तोड़कर बाजार में बेचा जाता है।खीरे का डिमांड इतना होता है की वह मंडी में आते ही तेजी से बिक जाती है और किसानों को काफी फायदा होता है।

आगे पढ़े  Startup Ideas in Uttarakhand | उत्तराखंड में बिजनेस शुरू करने के 25 बेहतरीन आइडियाज


प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा के लिए फसलो का बीमा जरूर करवाएं

किसानों को प्राकृतिक आपदा जैसे- अतिवृष्टि, ओलावृष्टि व बारिश, सूखा सहित अन्य प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा के लिए बीमा कराना बहुत जरूरी होता है। बीमा करवाने से किसानों को इन आपदाओं से होने वाली हानि की भरपार्ई सरकार द्वारा की जाती है। पहले फसल बीमा करने पर किसानों को नामांकन कराने पर शुल्क देना होता था लेकिन अब सरकार ने किसानों को बीमा कराने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु इसे फ्री कर दिया है। आपको यह जानकारी दे दे कि किसान फ्री में अपना रजिस्ट्रेशन करा कर फसल बीमा का लाभ उठा सकेंगे। इस योजना के तहत, सूखा, बाढ़, भूस्खलन, बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, प्राकृतिक आग और खड़ी फसल के लिए चक्रवात के साथ-साथ ओलावृष्टि से बचाव के लिए व्यापक जोखिम कवर की व्यवस्था है।

अगर आपको इस पोस्ट में खेती से दी हुई जानकारी पसंद आती है तो आप इस पोस्ट को लाइक और शेयर जरूर करें।


आगे पढ़े छात्रों के लिए कई बेहतरीन पार्ट टाइम जॉब आईडिया | Part time job idea for students

Exit mobile version