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हरिद्वार महाकुंभ बना कोरोना का कुंभ, गंगा के पानी से भी संक्रमण का खतरा

ganga k pani se corona sankraman ka khatra

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हरिद्वार महाकुंभ कोरोना का कुंभ बन गया है। सैकड़ों साधु संत और श्रद्धालु कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए है। रुड़की विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने चिंता जताई है कि संक्रमित लोगों के गंगा स्नान से गंगा के पानी में भी कोरोना वायरस का ड्रॉपलेट्स फैल गया है। मालूम हो कि पानी में यह वायरस लंबे समय तक जिंदा रह सकता है। ऐसे में गंगा के पानी से भी संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है।

बता दें कि उत्तराखंड में 11 साल बाद हरिद्वार में कुंभ 2021 का आयोजन हुआ। तमाम दिशानिर्देश जारी होने के बावजूद लोगों की लापरवाही का नतीजा यह है कि उत्तराखंड में स्थिति बेकाबू हो गई है। मार्च के महीने में जहां औसतन हर दिन कोरोना के 10 – 20 नए मामले आ रहे थे। वही अप्रैल में हजारों की संख्या में हर दिन नए मामले आ रहे हैं। कुंभ मेले को अभी तक 15 दिन बीते हैं। पिछले महज 5 दिन के अंदर दो हजार से भी ज्यादा संत व श्रद्धालु कोरोना वायरस पॉजिटिव पाये गए है। 

बता दें कि अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कपिल देव दास की मृत्यु भी कोरोना संकमण की वजह से हो गई है। उन्हें सांस लेने और बुखार की समस्या थी। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत नरेंद्र गिरि भी कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके अलावा कई सारे संत और श्रद्धालु कोरोना वायरस की चपेट में आ गए हैं और बीमार हैं।

रुड़की विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक और विशेषज्ञ ने कुंभ स्नान के बाद से आशंका जताई है कि कोरोना वायरस का फैलाव कई गुना बढ़ सकता है।

वैज्ञानिकों का दावा है कि कोरोना वायरस का ड्राई सरफेस की तुलना मे  पानी में अधिक समय तक एक्टिव रहता है। विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमित व्यक्तियों के गंगा स्नान से और लाखों व्यक्तियों के जुटने से वायरस के तेज फैलाव की आशंका है। बता दे 12 से 14 अप्रैल तक तीन स्नान के दौरान 49 लाख से अधिक संतो और श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई है, जिसमें अब तक 2483 व्यक्ति कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। विभिन्न अखाड़ों से जुड़े करीब 40 संत कोरोना वायरस अभी तक कोरोना पॉजिटिव आए हैं। कई संतों की अभी रिपोर्ट आनी बाकी है। औसतन हर डेढ़ मिनट में एक व्यक्ति उत्तराखंड में कोरोना वायरस पॉजिटिव पाया जा रहा है।

उत्तराखंड में तेजी से लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे है। कुंभ के कारण यह स्थिति और भी ज्यादा बदतर हो गई है। कोरोना के बढ़ते मामले की वजह लोग लापरवाह हो गए हैं। मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग करने और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने और लोग ध्यान ही नहीं दे रहे हैं। जबकि यह कोरोना वायरस से बचने का अब तक का सबसे सुरक्षित और कारगर उपाय है।

बता दें कि पिछले साल मार्च में शुरुआत में ही लॉक डाउन के चलते प्रदेश में कोरोना वायरस फैलने की दर बेहद धीमी रही। लेकिन सितंबर में सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज पाए गए और वही स्थिति अब अप्रैल में बन गई है। पिछले 3 दिन से प्रतिदिन 2000 से भी अधिक कोरोना संक्रमण के नए मामले आ रहे हैं।

बता दें कि हरिद्वार महाकुंभ में बढ़ाते कोरोना संक्रमण के चलते पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी ने 17 अप्रैल को कुंभ मेला समापन की घोषणा कर दी है। वहीं आनंद अखाड़े में भी कुंभ मेले के समापन की घोषणा कर दी है। जल्द ही मुख्यमंत्री इस संबंध में बड़ा फैसला ले सकते हैं। मालूम हो कि कुंभ अब औपचारिक ही रह गया है 27 अप्रैल को आखिरी स्नान है।

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