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उत्तराखंड: जिम कॉर्बेट में अब महिलाएं भी कराएंगी जंगल सफारी, 24 महिलाओं को पायलट के तौर पर किया चयनित

वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत के अनुसार सरकार की ओर से महिला सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ाया गया यह ऐतिहासिक कदम है। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग ने कहा कि जिम कॉर्बेट पायलट केरूप में  चयनित महिलाएं ना सिर्फ पर्यटकों को सफारी कराएंगी बल्कि हाथी, बाघ, तेंदुआ, हिरण समेत सभी वन्यजीवों, पक्षियों के बारे में भी जानकारी भी देंगी। फिलहाल उन्हें गाड़ी चलाने का 21 दिन का परीक्षण किया जा रहा है। उसके बाद जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के विशेषज्ञ और सफारी चालक महिलाओं को वन्यजीवों के बारे में भी विस्तार से जानकारी देंगे।

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जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में गाइड के तौर पर पहले ही काम कर छह महिलाएं
यह पहली बार नहीं है जब जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में महिलाओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए चयनित किया गया है इससे पूर्व छह महिलाएं टाइगर रिजर्व गाइड के तौर पर चयनित की गई थी। वे पर्यटकों को वन्यजीवों के बारे में विस्तार से जानकारी दे रही हैं।
जिम कॉर्बेट से राजाजी पार्क में इसी हफ्ते लाई जाएगी गर्भवती बाघिन
राजाजी टाइगर रिजर्व के पश्चिमी क्षेत्र में बाघ, बाघिन की संख्या में बढ़ोतरी की जा सके इसके लिए नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के निर्देश पर इसी सप्ताह एक बाघिन को जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से राजाजी टाइगर रिजर्व लाया जाएगा। दिलचस्प पहलू यह है कि जिस बाघिन को जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से लाया जा रहा है वह गर्भवती है। ऐसे में उसे राजाजी टाइगर रिजर्व लाने को लेकर तमाम एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग ने बताया कि  राजाजी टाइगर रिजर्व में बाघों की कुल संख्या 44 है जिसमें से पश्चिमी  क्षेत्र में सिर्फ एक बाघ और एक बाघिन है जबकि पश्चिमी क्षेत्र में बाघों की संख्या 42 है।

ग्रामीणों के लिए मुसीबत का सबब बने तेंदुए को लगाया रेडियो कॉलर
टिहरी जिले के नरेंद्रनगर व आसपास के दो दर्जन से अधिक गांवों में ग्रामीणों के लिए में मुसीबत का सबब बने तेंदुएं को वन विभाग की ओर से रेडियो कॉलर लगा दिया गया है । मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग ने बताया कि कई दिनों की निगरानी के बाद तेेंदुए को ट्रेंकुलाइज किया गया और फिर रेडियो कॉलर लगा दिया गया । उसे नरेंद्रनगर से 70 किलोमीटर दूर बेहद घने जंगलों में छोड़ दिया गया है। विभागीय अधिकारी कर्मचारी उसकी गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं। राज्य में यह नौंवा तेंदुआ है जिसे रेडियो कॉलर लगाया गया है। जिस तेंदुए को रेडियो कॉलर लगाया गया है वह आए दिन आबादी क्षेत्र में दाखिल होकर घरों में घुसकर लोगों पर हमला भी कर चुका था।

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