हाथी दिवस: राजाजी टाइगर रिजर्व में लगातार बढ़ रहा हाथियों का कुनबा, 330 पहुंची संख्या

देशभर में जहां कई वन्यजीवों की संख्या तेजी से घट रही है, वहीं राजाजी टाइगर रिजर्व में हाथियों का कुनबा साल दर साल तेजी से बढ़ रहा है। वर्तमान में राजाजी टाइगर रिजर्व में 330 हाथी हैं, जो टाइगर रिजर्व के क्षेत्रफल को देखते हुए हाथियों की धारण क्षमता 225 से 105 अधिक है। टाइगर रिजर्व के अधिकारियों के अनुसार टाइगर रिजर्व क्षेत्र में 820 वर्ग किलोमीटर में ही हाथियों का बसेरा है। क्षेत्रफल के हिसाब से यहां 225 हाथी ही रह सकते हैं। क्षमता से अधिक हाथी होने से टाइगर रिजर्व क्षेत्र में हाथियों के लिए रहने के लिए जगह की कमी के साथ ही खानपान की व्यवस्था की भी कमी होने लगी है।

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हाथियों के संरक्षण व उनके खानपान में किसी प्रकार की कमी न हो इसके लिए केंद्रीय वन पर्यावरण जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से प्रोजेक्ट एलिफेंट भी चलाया जा रहा है। इसके तहत हाथियों के लिए टाइगर रिजर्व क्षेत्रों में घास के मैदान, चारागाह तैयार किए जा रहे हैं। वहीं, हाथियों का शिकार न हो इसके लिए भी कई कदम उठाए गए हैं।

हाथी क्षमता से अधिक तो बाघ आधे से भी कम 

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राजाजी टाइगर रिजर्व में जहां हाथियों की संख्या क्षमता से अधिक है, वहीं बाघों की संख्या धारण क्षमता से कम है। टाइगर रिजर्व के कोर जोन के 557 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में 83 बाघ रह सकते हैं, लेकिन फिलहाल रिजर्व में बाघों की संख्या 44 ही है, जो काफी कम है।सुल्तान, राजा समेत छह हाथियों पर टाइगर रिजर्व की सुरक्षा की जिम्मेदारी राजाजी टाइगर रिजर्व के हाथियों और वन्यजीवों की सुरक्षा का जिम्मा टाइगर रिजर्व के छह पालतू हाथियों सुल्तान, राजा, रानी, जॉनी, अंजली के जिम्मे है। इसमें से सुल्तान और राजा नर हाथी हैं।जबकि, बाकी हथिनी हैं। राजा कभी टाइगर रिजर्व के जंगली हाथियों में शामिल था, लेकिन आज वह पालतू है और बाकी पालतू हाथियों के साथ टाइगर रिजर्व की निगरानी में पूरा सहयोग देता है।

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