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गंगोलीहाट: जहां श्रद्धा और विश्वास होता है वही पुरुषार्थ प्रकट होता है, महाकाली मंदिर में भागवत कथा श्रवण को दूर-दूर से पहुंच रहे हैं लोग

गंगोलीहाट

गंगोलीहाट स्थित विश्व प्रसिद्ध हाटकाली मंदिर में श्रीमद देवी भागवत के अष्टम दिवस पर मुख्य यजमान नैन सिंह रावल के सुपुत्र गजेंद्र रावल ने सपरिवार प्रातः महाकाली मंदिर के पुरोहित दीप पंत व पंकज पंत के द्वारा मंत्रोचार के बीच माँ हाटकाली की शक्ति में सर्वप्रथम पंचामृत स्नान , देवी पूजन अर्चन बंदन किया । वहीं दोपहर शनिवार को कथा श्रवण को लेकर महिलाओं सहित दूरस्थ क्षेत्रों से भक्तों भारी भीड़ जुट रही है। कथा के अष्टम दिन कथावाचक शास्त्री पण्डित मनोज कृष्ण जोशी ने कथा में प्रकाश डालते हुए मां भगवती की भक्ति के विषय में कहा कि यदि मनुष्य को भगवत कृपा चाहिए तो भगवान से प्रेम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रेम और पूजा में फर्क है।

उन्होंने कहा कि प्रेम जब प्रकट होता है तब बाणी नहीं बोलती है फिर आंखें बोलती हैं। इसलिए भगवती (भगवान) से प्रेम करो! व्यास जी ने कहा की हमारे जीवन में विश्वास शिव है और श्रद्धा मां जगदंबा है। जहां श्रद्धा और विश्वास होता है वही पुरुषार्थ प्रकट होता है भागवत के चार अर्थ होते हैं भक्ति , ज्ञान वैराग्य व त्याग को ही भागवत कहा जाता है ।

भागवत में सोमगिरि महाराज के सानिध्य में रात दिन दूर- दूर से आई विभिन्न भजन मंडलीयों द्वारा अखण्ड किर्तन भजन का आयोजन हो रहा है! ब्यास मनोज जोशी द्वारा देवी के विभिन्न रूपों का विस्तार से वर्णन किया गया इसके साथ ही मंदिर में मूल पाठ जप सप्तशती पाठ रुद्री अनेक विद्वान पंडितों द्वारा नित्य प्रतिदिन किया जा रहा है तथा नित्य प्रतिदिन कथा समाप्ति के बाद भंडारे में सैकड़ों लोग प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं। मंदिर में भीड़ को देखते हुए मंदिर समिति द्वारा सभी श्रद्धालुओं से कोविड-19 का पालन करने का अनुरोध किया जा रहा है। मंदिर कमेटी प्रतिदिन व्यवस्था बनाने में सघनता से जूटी है। मुख्य यजमान नैन सिंह रावल के सुपुत्र गजेंद्र सिंह रावल ने आगामी दो अगस्त को पारायण के अवसर पर समस्त क्षेत्रवासियों व श्रद्धालुओं से भंडारे में प्रसाद ग्रहण करने का आग्रह किया है।

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