गंगोलीहाट- हाटकाली महाकाली मंदिर में आयोजित श्रीमद् देवी भागवत के चलते बना है भक्तिमय माहौल, श्रद्धालुओं की जुट रही है भीड़

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गंगोलीहाट-
यहां विश्व प्रसिद्ध हाटकाली मंदिर में श्रीमद देवी भागवत के सप्तम दिवस पर मुख्य यजमान नैन सिंह रावल के सुपुत्र गजेंद्र रावल ने सपरिवार प्रातः महाकाली मंदिर के पुरोहित दीप पंत व पंकज पंत के द्वारा मंत्रोचार के बीच माँ हाटकाली की शक्ति में सर्वप्रथम पंचामृत स्नान , देवी पूजन अर्चन बंदन किया । दोपहर में कथा श्रवण को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ गई ।
कथा के सप्तम दिन कथावाचक शास्त्री पण्डित मनोज कृष्ण जोशी ने कहा कि भागवत के चार अर्थ होते हैं भक्ति , ज्ञान वैराग्य व त्याग को ही भागवत कहा जाता है । भगवान से संबंध रखने वाला , भगवान से प्रेम करने वाला , भगवान का भजन करने वाला भी भागवत ही हो जाता है इसीलिए भागवत धर्म को बढ़ाया जाय इसी में जीव की प्रसन्नता निहित है । वहीं मां महाकाली की अखण्ड धूनी में सोमगिरि महाराज के सानिध्य में रात दिन विभिन्न भजन मंडलियों द्वारा अखण्ड किर्तन भजन का आयोजन हो रहा है ।
कथा के व्यास पंडित मनोज जोशी ने कथा में बताया कि जब राम सेतु पुल बन रहा था तो नल नील पत्थर में राम राम लिख करके सेतु बना रहे थे, जो पत्थर राम राम लिखने से डूब नहीं रहे थे यह देख कर भगवान राम ने स्वयं भी पत्थर समुद्र में डाला जो डूब गया इसके साथ ही ब्यास मनोज जोशी द्वारा देवी के महात्म की कथा का विस्तार से वर्णन किया गया इसके साथ ही मंदिर में मूल पाठ जप सप्तशती पाठ रुद्री अनेक विद्वान पंडितों द्वारा नित्य प्रतिदिन किया जा रहा है।
मंदिर में भीड़ को देखते हुए मंदिर समिति द्वारा सभी श्रद्धालुओं से कोविड-19 का पालन करने का अनुरोध किया जा रहा है। मंदिर कमेटी प्रतिदिन व्यवस्था बनाने में जुटी हुई है।