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डोला विसर्जन के साथ थल बाजार की दो दिवसीय जन्माष्टमी का समापन

थल बाजार (पुराना बाजार)की 81 वर्ष से भी ज्यादा साल पुरानी कृष्ण जन्माष्टमी के दो दिन तक चले अखंड भजन कीर्तन के बाद बुधवार को तीसरे दिन रामगंगा और बहुला नदी के संगम में श्रीकृष्ण के डोले का विसर्जन किया गया। थल के पुराने बाजार में गरिमा जोशी के आवास में स्थापित जन्माष्टमी कीर्तन मण्डली से भगवान् कृष्ण के डोले की शोभा यात्रा मुख्य बाजार से होता हुआ बालेश्वर महादेव के मंदिर में पहुंचा।जहां पर भक्तों ने कृष्ण मुरारी हो तेरा रंग काला क्यों तथा श्री कृष्णा खड़े मधुबन में हंसे मन ही मन में राधिका घर जाना हैं के कीर्तन गाकर शिवालय को बिंद्रावन की कुंज गलियों में पहुंचा दिया।

यहां से श्रीकृष्ण का डोला स्टेशन बाजार से झूमते गाते कीर्तन के साथ रामगंगा और क्रांति नदी के संगम में पहुंचा। जहां पर पुरोहित जगदीश चंद्र जोशी ने मंत्रोच्चार के साथ विधि विधान से पाठ,के साथ पत्तल के पूड़े में दिए जलाकर संगम में प्रवाहित कर,श्रीकृष्ण डोले का विसर्जन किया।

भजन और कीर्तन मंडली में सुंदर राम,मनोहर राम, राघव कुमार, सागर ने पूरे बाजार में एक से बढाकर एक भजन कीर्तन गाये। डोला विसर्जन में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी आयोजन समिति संयोजक दिनेश चंद्र पाठक,दान सिंह बिष्ट,भूपेंद्र सिंह पांगती ,मनोहर सिंह सत्याल,चंद्र मोहन पांगती,नवीन पाठक,कमलेश जोशी,कौस्तुभानंद ततराड़ी,भगवान चंद,सलीम अहमद,राजा जोशी,अमित चंद,प्रांजल पाठक,कुणाल बिष्ट,चेतन बिष्ट,महेश पाठक,मनोहर सिंह क्वीरियाल,गणेश बिष्ट, सहित कई भक्तजन शामिल थे।

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