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सावन के महीने में ही क्यों की जाती है भगवान शिव की पूजा, जानिए इसके पीछे के छिपे रहस्य !

सावन का महीना चारों ओर हरियाली, हल्की-ंहल्की बारिश और भक्तिमय माहौल, सावन के महीने की शुरूआत बताता हैं। जी हां दोस्तों, आज लवदेवभूमि के इस लेख में हम आपको सावन के महीने और इससे जुड़ी मान्यताओं के बारे में बताने जा रहे हैं, तो चलिए दोस्तों जानते हैं सावन मास से जुड़ी कुछ रोचक मान्यताएं-ंउचय शास्त्रों में सावन मास को भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना बताया गया हैं। इस महीने में भगवान शिव की पूजा का बहुत ज्यादा महत्व हैं। कहा जाता हैं कि इस महीने भगवान शिव सबकी मनोकामना पूरी करते हैं। पूरे देश में सावन के महीने को एक त्यौहार की तरह मनाया जाता हैं और इस परंपरा को लोग सदियों से निभाते चले आ रहे हैं।

सावन मास हिन्दी कैलेन्डर में पांचवे स्थान पर आता हैं और इस ऋतु में वर्षा का प्रारंभ होता हैं। भगवान शिव को सावन का देवता कहा जाता हैं। सावन के माह में वर्षा होने के पीछे की मान्यता हैं कि सावन के महीने में ही समुद्रमंथन हुआ था और उससे निकले विष को महादेव ने अपने कंठ में धारण कर लिया था, जिस वजह से उन्हें नीलकंठ के नाम से भी जाना जाता हैं। कहा जाता हैं कि इस विष का ताप इतना तेज था कि इंद्र देवता ने बारिश करके उन्हें शीतल किया। सावन का महीना महादेव को प्रिय होने के पीछे की मान्यता ये हैं कि दक्ष पुत्री माता सती ने अपने जीवन को त्याग कर कई वर्षो तक श्रापित जीवन जीया। उसके बाद उन्होंने हिमालय राज के घर माता पार्वती के रूप में जन्म लिया।

माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए पूरे सावन मास कठोर तप किया जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनकी मनोकामना पूरी की। माता सती से पुनः मिलाप के कारण भगवान शिव को सावन का महीना अत्यन्त प्रिय है। यही कारण हैं कि इस महीने कुंवारी कन्याएं अच्छे वर के लिए शिव जी से मनोकामना करती हैं। मान्यता हैं कि सावन के महीने में ही भगवान शिव ने धरती पर आकर अपने ससुराल में विचरण किया था और कहा जाता हैं कि इस माह माता पार्वती और स्वंय प्रभु धरती पर निवास करते हैं।

कहा जाता हैं कि वर्षाऋतु के चैमासा में भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं और इस वक्त पूरी सृष्टि भगवान शिव के अधीन हो जाती हैं, इसलिए सभी भक्तगण इस माह भगवान शिव को प्रसन्न करने हेतु कई धार्मिक पूजा अनुष्ठान करते हैं। एक कहावत के अनुसार, मरकंडू ऋषि के पुत्र मार्कण्डेय ने सावन मास में भगवान शिव की कठोर तपस्या से यमराज को भी नतमस्तक कर दिया था।

दोस्तों, भगवान शिव बहुत भोले हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। सावन के इस पावन महीने में भगवान शिव आपकी भी मनोकामनाएं पूरी करें, ऐसी लवदेवभूमि टीम की आशा हैं।

—————-आशा करता हूं कि आपको लवदेवभूमि का ये लेख पसंद आया होगा।————————–

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