इतिहास में कई जगह चंपावत जिला का नाम चंपावती से लिया गया बताया गया है। चंपावती राजा अर्जुन देव की बेटी थी।
चंपावत जिले का इतिहास के बारे में जोशीमठ के गुरु पादुका नामक ग्रंथ में भी मिलता है। इस ग्रंथ के अनुसार नागों की बहन चंपावती ने चंपावत नगर की बालेश्वर मंदिर के पास तपस्या की थी।
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चंपावत जिले का इतिहास स्कंद पुराण के केदारखंड में चंपावत को कुर्मांचल के नाम से वर्णित किया गया है। यह क्षेत्र भगवान विष्णु के कुर्म यानी कि कछुए के अवतार के लिए जाना जाता है।
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महाभारत काल में हिडिम्बा नामक राक्षसी से जन्मे महाबली भीम के पुत्र घटोत्कच के निवास स्थान के रूप में चंपावत का को जाना जाता है।
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चंपावत जिले को अलग राज्य के रूप में दर्जा 1997 में प्राप्त हुआ था। उस समय उत्तराखंड (तब उत्तरांचल) उत्तर प्रदेश का हिस्सा था और तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने इसे जिले के रूप में मान्यता प्रदान की थी।