देहरादून मे अपने बयान से एकाएक सियासी हलचल मचाने वाले कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ रविवार को एक कार्यक्रम में शामिल होना था, लेकिन हरक सिंह रावत कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। इतना ही नहीं क्षेत्रीय विधायक उमेश शर्मा काऊ भी इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचे।उसके बाद लोगों ने कहा कि भवन और कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद से बाहर होने के कारण हरक सिंह रावत नाराज थे। इसीलिए वो इस कार्यक्रम में नहीं आए, लेकिन मुख्यमंत्री रावत ने कहा ऐसी कोई बात नही है।
जानकारी के लिए आपको बता दे की हरक सिंह रावत के आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का एलान भाजपा की अंदरूनी खींचतान की तरफ इशारा कर रहा है। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, को जब से बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाया गया है। तब से वो काफी नाराज चल रहे हैं।जानकारी मिली है, कि रविवार को रिंग रोड पर हरक सिंह रावत को आयुष हॉस्पिटल और वेलनेस सेंटर के शुभारंभ के मौके पर मुख्यमंत्री के साथ मंच पर आना था, लेकिन हरक सिंह रावत वहां नहीं आऐ। इसके पीछे उनका स्वास्थ्य खराब होने की बात बताई गई है।
पछवादून में धार्मिक स्थल और शहीदों के स्मारक तोड़ने पर जताया आक्रोश, फूंके सरकार के पुतले
आपको बता दें कि बता 2016 में हरक सिंह रावत समेत 9 विधायकों ने हरीश सिंह रावत के खिलाफ बगावत ही किया था। बगावत करने के बाद वो लोग भाजपा में भी शामिल हो गए। आपको बता दे की विधायक काऊ भी उन्हीं लोगों में थे। हरक सिंह रावत के साथ-साथ कार्यक्रम से उनकी दूरी ने सियासी हलचल और बढ़ा दीया है।
इस कार्यक्रम के अंत में मीडिया के मुताबिक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि उनके और हरक सिंह रावत के बीच कोई नाराजगी नहीं है। उसके बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि मीडिया वाले तो नारद मुनि के तरह चुटकी लेते हैं,और लड़ाने का काम हमेशा करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह की बातें मीडिया में आजकल चल रही है। वैसी बात हम दोनों के बीच में बिल्कुल ही नहीं है।
उत्तराखंड सहित देश भर मे बैंक क्लर्क 2557 पदो पर निकली बंपर वैकेंसी , उम्मीदवार जल्द करें आवेदन