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पिथौरागढ़: 23 जुलाई से आशाओं ने दी आंदोलन की चेतावनी, 23 जुलाई को ब्लॉक मुख्यालयों और 30 जुलाई को जिला मुख्यालयों पर होगा प्रदर्शन

पिथौरागढ़

ऐक्टू व सीटू से जुड़ी आशा यूनियनें पूरे प्रदेश में 23 जुलाई 2021 से चरणबद्ध तरीके से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करेंगी। यह जानकारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से ऐक्टू से संबद्ध उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की जिलाध्यक्ष इन्द्रा देउपा ने दी है
उन्होंने कहा कि सरकार आशाओं से बहुत ज्यादा काम ले रही है लेकिन मानदेय के नाम पर कुछ भी नही दे रही है। आठ मार्च को अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा कोरोना काल में अपनी बेहतरीन सेवा देने के लिए आशाओं को दस हजार रुपए प्रोत्साहन देने की घोषणा की गई थी, लेकिन अभी तक यह पैसा आशाओं के खाते में नहीं आया है।

उनके बाद बने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा इसका कोई संज्ञान नहीं लिया गया जबकि आशाओं द्वारा कई बार अपनी मांगों को उठाया गया। उन्होंने वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांगों को लेकर तत्काल कार्यवाही किए जाने की मांग की है।

मांगें-
आशाओ को भी आंगनबाड़ी की तर्ज पर मानदेय दिया जाए , मानदेय न्यूनतम वेतन के बराबर दिया जाए , आशाओं को ई.एस.आई. का स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया जाए या इसकी तर्ज पर ही स्वास्थ्य बीमा किया जाए , सभी आशाओ को सामाजिक सुरक्षा दी जाए , कोरोना काल का मासिक दस हजार रुपये कोरोना भत्ता दिया जाय, रिटायरमेंट पर पेंशन का प्रावधान किया जाय,विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जाए तथा आशाओ का शोषण पर रोक लगे तथा उनके साथ अस्पतालों में सम्मानजनक व्यवहार किया जाय।

उन्होंने कहा कि मांगों को लेकर सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई तो वे आगामी 23 जुलाई 2021 को ब्लॉक मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को ज्ञापन प्रेषित करने के पश्चात 30 जुलाई 2021 को जिला मुख्यालयों पर आशाएँ प्रदर्शन करेंगी। इसके पश्चात भी अगर समाधान न हुआ तो आगे राजधानी देहरादून में राज्य स्तरीय आंदोलन किया जाएगा । इसके पश्चात भी सरकार नही मानी तो हड़ताल का आह्वान किया जाएगा।

 

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