पिथौरागढ़ DIBER के वैज्ञानिक को मिला Scientist of the Year Award 2020

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उत्तराखंड के औषधीय पौधे विशनाग से सफेद दाग (white spot) की दवा बनाने वाले वैज्ञानिक डॉ हेमंत कुमार पांडे (Dr. Hemant Kumar Panday) को साइंटिस्ट ऑफ द ईयर (Scientist of the year 2020) का अवार्ड मिला है। डॉ हेमंत कुमार पांडे डीआरडीओ (DRDO) पिथौरागढ़ में इन दिनों तैनात है। बता दें कि सफेद दवाई एक ऐसी बीमारी है जिसके कारण शरीर पर असामान्य ढंग से सफेद धब्बे जैसा बन जाता है। यह अनियंत्रित तरीके से यह पूरे शरीर में होने लगता है। इस बीमारी के कारण ग्व्क्ति के अंदर हीन भावना देखने को मिलती है। पहाड़ों पर मिलने वाले औषधीय पौधों से अब सफेद दाग का इलाज मुमकिन हो गया है।
Scientist of the year Award –
पहाड़ों पर मिलने वाले औषधीय पौधे “विशनाग” से सफेद दाग (ल्यूकोडर्मा की दवा खोजने का श्रेय डॉ हेमंत कुमार पांडे को जाता है। उन्होंने आयुर्वेदिक ढंग से इस बीमारी की दवा खोजी है। उन्हें साल 2020 का scientist of the year award रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा दिया को दिया गया। डॉ हेमंत कुमार पांडे पिथौरागढ़ में स्थित रक्षा जैव ऊर्जा अनुसंधान संस्थान (DIBER) में वरिष्ठ वैज्ञानिक के रूप में नियुक्त है। वह पिछले 25 सालों से इस पर काम कर रहे है।
सफेद दाग (ल्यूकोडर्मा) की दवा ल्यूकोस्किन –
सफेद दाग की दवा ल्यूकोस्किन को हिमालय क्षेत्र में पाए जाने वाले औषधि पौधे ‘विषनाग‘ से बनाया गया है। यह हिमालय क्षेत्र में 10,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर पायाजाने वाला पौधा है। अब तक इस दवा से डेढ़ लाख से भी अधिक लोगों का इलाज किया जा चुका है। बताया जा रहा है कि सफेद दाग में यह दवा बहुत ही प्रभावी है। कुछ समय तक लगातार इस दवा का प्रयोग करने से यह बिल्कुल ठीक हो जाता है।
कुछ साल पहले इस दवा बनाने की तकनीक को नई दिल्ली की एक निजी कम्पनी एमिल फार्मास्युटिकल को हस्तांतरित कर दिया गया है। बता दें विश्व में सफेद दाग (White spot) से दुनिया की लगभग दो फ़ीसदी आबादी प्रभावित हैं। लेकिन अगर भारत की बात की जाये तो ऐसे लोगों की संख्या लगभग 5 करोड़ के आसपास है। यह एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है। जिसकी वजह से त्वचा के रंग के लिए जिम्मेदार कोशिकाएं निष्क्रिय हो जाती हैं।
कौन है हेमन्त कुमार पांडे –
डॉ हेमंत कुमार पांडे पिथौरागढ़ (उत्तराखंड) में स्थित प्रयोगशाला रक्षा जैव ऊर्जा अनुसंधान संस्थान में वरिष्ठ वैज्ञानिक के रूप में तैनात हैं। यह संस्था पिछले 25 सालों से हिमालय क्षेत्र में पाई जाने वाली जड़ी बूटियों पर शोध कार्य कर रही है।
अब तक डॉ हेमंत कुमार पांडे ने 6 दवाओं और कई हर्बल उत्पादों की खोज की है। लेकिन उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि सफेद दाग (ल्युकोडर्मा) की दवा ल्यूकोस्किन को माना जा रहा है। इसके लिए उन्हें साल 2020 का साइंटिस्ट ऑफ द ईयर अवार्ड से रक्षा मंत्री द्वारा सम्मानित किया गया है।
डॉ हेमंत कुमार पांडे को पुरस्कार के रूप में दो लाख की धनराशि और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। उन्होंने यह दवा हिमालय की चोटियों पर पाए जाने वाले औषधि पौधे विशनाग से बनाई है। यह दवा आयुर्वेदिक है। सफेद दाग में यह दवा को खाने और लगाने दोनों विकल्प के रूप में मौजूद हैं। डॉ हेमंत कुमार पांडे ने खुजली, दांत दर्द, रेडिएशन से बचाने वाली क्रीम, हर्बल हेल्थ प्रोडक्ट जैसे कई उत्पादों की खोज की है।