ब्रेकिंग न्यूज़ : खटीमा के विघायक पुष्कर सिंह धामी बने प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री

देहरादून : उत्तराखंड को अपना 11 वां मुख्यमंत्री मिल गया है। प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री के रूप में खटीमा के विधायक पुष्कर सिंह धामी को तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया है। उन्होंने विधानसभा चुनाव में दो बार जीत हासिल की है। इसके अलावा वह युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
विधान सभा की बैठक में नए मुख्यमंत्री के रूप में खटीमा के विधायक पुष्कर सिंह धामी के नाम पर मुहर लग गई है। अब वह प्रदेश के सबसे कम उम्र के सीएम बन गए हैं। बता दें कि शुक्रवार की देर रात तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से राज्यपाल को इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद प्रदेश के लिए नए मुख्यमंत्री की तलाश शुरू हो गई थी।
बता दें कि अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाला है। ऐसे में भाजपा ने युवा नेता के रूप में पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बना दिया है। पुष्कर सिंह धामी एक युवा नेता है और युवाओं के बीच उनकी अच्छी पहचान है। इतिहास भी गवाह है कि जिस भी पार्टी को युवाओं का समर्थन मिला है सत्ता पर उसका वर्चस्व रहा है। धामी के रूप में मुख्यमंत्री का चुनाव करके भाजपा ने जनता को एक इशारा देने की कोशिश की है कि वह अब युवाओं के भविष्य को ध्यान में रख कर इस तरह की नीति अपनाकर विकास का रोडमैप तैयार करेगी।
पुष्कर सिंह धामी का परिचय –
पुष्कर सिंह धामी का जन्म पिथौरागढ़ के डीडीहाट तहसील के टुंडी ग्राम सभा में हुआ है। वह एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। पुष्कर सिंह धामी का विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति की तरह रुझान रहा है। 1990 से 1999 तक वह जिले से लेकर राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर पर भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे हैं। उनमें कुशल नेतृत्व क्षमता, संघर्षशीलता और अदम्य साहस है। इसी के चलते वह दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। 2002 से 2008 तक वह प्रदेश भर में घूम घूम कर युवा बेरोजगारों को संगठित करते रहे और कई रैलियां तथा सम्मेलन में भाग लिए हैं।
पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों के चलते ही तत्कालीन सरकार स्थानीय युवाओं को राज्य के उद्योगों में 70% का आरक्षण मिल सका। 11 जनवरी 2005 को प्रदेश के 90 युवाओं के साथ मिलकर प्रदेश की विधानसभा का घेराव करने की ऐतिहासिक रैली और युवा शक्ति प्रदर्शन के रूप में उनके उदाहरण को आज भी लोग याद करते हैं।
वह 2010 से 2012 तक भारत सरकार में शहरी विकास अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। इस दौरान उन्होंने क्षेत्र की जनता की कई समस्याओं का समाधान भी किया। 2012 के विधानसभा में भी उन्होंने जीत हासिल की थी। वर्तमान समय में वह खटीमा विधानसभा सीट से विधायक हैं।
पुष्कर सिंह धामी के रूप में उत्तराखंड ने अपना युवा मुख्यमंत्री पाया है, वह 11 वें मुख्यमंत्री के रूप में शपत ग्रहण करेगे। बता दे प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता सामान्य बात है। पिछले 21 सालों में अब तक प्रदेश में 11 मुख्यमंत्री बन चुके हैं उत्तराखंड को जब उत्तर प्रदेश से विभाजित करके एक नया राज्य बनाया गया था तो पहले मुख्यमंत्री के रूप में नित्या नंद स्वामी ने पदभार संभाला था। फिर 2001 में भरत सिंह कोश्यारी को दूसरा मुख्यमंत्री बनाया गया। फिर अगले साल 2002 में एनडी तिवारी प्रदेश के तीसरे मुख्यमंत्री बने। एनडी तिवारी लगातार 5 सालों तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहे।
उसके बाद 2007 में चौथे मुख्यमंत्री के रूप में बीसी खंडूरी ने पदभार संभाला। 2009 में पांचवे मुख्यमंत्री के रूप में रमेश सिंह पोखरियाल निशांक ने मुख्यमंत्री पद को शपथ ग्रहण की। इसके बाद 2011 में फिर से बीसी खंडूरी को मुख्यमंत्री बने। वह दूसरी बार और प्रदेश के छठे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लिए। 2014 में हरीश रावत प्रदेश के आठवें मुख्यमंत्री बने। 2017 में 9 वें मुख्यमंत्री के रूप में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री का पदभार संभाला। उसके बाद 2021 में 10 वें मुख्यमंत्री के रूप में तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया और अब उनके बाद 11 वें मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया गया है।