सात जन्मों का वादा कर शादियाँ तोड़ने में अल्मोड़ा टॉप पर, जाने प्रदेश में स्थिति

Almora News : भारतीय समाज में पति पत्नी के रिश्ते को सबसे पवित्र माना जाता है। इस रिश्ते को सात जन्मों का रिश्ता माना जाता है। लेकिन अब वक्त बदल गया है। वक्त बदलने के साथ-साथ समाज में पति-पत्नी का अटूट माना जाने वाला रास्ता भी तेजी से बदल रहा है। विवाह के दौरान पति पत्नी एक दूसरे का सात जन्म तक साथ निभाने का वादा करते है। लेकिन बड़ी संख्या में लोग अपने वादे तोड़ रहे है। अब बड़ी संख्या में तलाक हो रहे है। पति बीच राह में ही अपनी पत्नी के साथ छोड़ रहे हैं।

प्रदेश में हर साल सैकड़ों की संख्या में लोग तलाक ले रहे हैं। सात जन्मों का वादा करके बीच राह में साथ छोड़ने के मामले में अल्मोड़ा टॉप पर है। एक सरकारी आंकड़े के अनुसार गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले प्रदेश की 4772 महिलाएं को उनके पति उनको छोड़ दिए है। ये आंकड़े प्रदेश के समाज कल्याण निदेशालय की तरफ से जारी किए गए है ये आंकड़े गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाओं के हैं।

 प्रत्येक तीन महीने में विभाग द्वारा इन्हें ₹ 3600 परित्यक्ता पेंशन के रूप में दी जाती है। 2012 में इस योजना का लाभ उठाने वाले महिलाओं की संख्या मात्र 147 थी। लेकिन बीते 8-9 सालों के में तेजी से लोगों के वैवाहिक संबंध टूटे हैं और यह संख्या तेजी से बढ़ गई है।

तलाक के मामले अल्मोड़ा है टॉप पर  

प्रदेश में सबसे ज्यादा शादियां टूटने के मामले में अल्मोड़ा जिला आगे है। इस समय अल्मोड़ा में सबसे ज्यादा 825 महिलाएं तलाकशुदा है और प्रदेश की परित्याग तक पेंशन का लाभ ले रही हैं। वही उत्तरकाशी जिला प्रदेश का ऐसा जिला है जहां पर तलाक के मामले सबसे कम हैं। उत्तरकाशी की 78 महिलाएं ही इस योजना का लाभ ले रही हैं।

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प्रदेश का बढ़ा बजट 

 प्रदेश में परित्यक्ता पेंशन योजना के लाभार्थियों की संख्या बढ़ने से प्रदेश सरकार पर भार पड़ रहा है। सरकारी बजट में काफी वृद्धि हुई है। साल 2012 तक जहां इस योजना का लाभ पहुंचाने के लिए सरकार 7 लाख 37 हजार ही खर्च करती थी। वहीं अब प्रदेश सरकार को 7.84 करोड़ रुपए बजट में आवंटित करने पड़ रहे हैं।

परित्यक्ता पेंशन के लाभार्थियों की संख्या (जिलावार) 

जनपद             महिलाएं 

अल्मोड़ा               876

 नैनीताल               700

देहरादून                510

बागेश्वर                   478

 चंपावत                  382

पिथौरागढ़               365

यूएस नगर               350

टिहरी                     281  

 हरिद्वार                 224

 रुद्रप्रयाग              194 

 चमोली                 168

पौड़ी                    148

उत्तरकाशी            98 

 सहायक निदेशक समाज कल्याण निदेशालय का कहना है कि बीते सालों में परित्यक्ता पेंशन पाने वाली महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ी है इस पेंशन के तहत प्रत्येक 3 माह में लाभार्थियों के बैंक खाते में यह धनराशि डायरेक्ट हस्तांतरित कर दी जाती है।  

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