बागेश्वर के 25 युवक बने आपदा मित्र | आपदा से निपटने का 12 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर संपन्न

* बागेश्वर के 25 युवक बने आपदा मित्र

* आपदा से निपटने का 12 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर संपन्न

* आपदा प्रबंधन अभी भी चुनौती : दीपिका बोहरा

पिथौरागढ। प्राकृतिक एवं मानवजनित आपदाओं से निपटने के लिए बागेश्वर के 25 युवकों का आपदा अद्यतनीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रथम चरण संपन्न हो गया है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन आयोग के पाइलेट प्रोजेक्ट के तहत यह शिविर पिथौरागढ में आयोजित किया गया।

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जिला पंचायत अध्यक्ष दीपिका बोहरा ने प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान राहत, खोज और बचाव कार्य जितना अधिक महत्वपूर्ण कार्य है उतना ही आपदा न्यूनीकरण। यदि किसी क्षेत्र विशेष में आपदा की संभावना हो, उसकी जानकारी स्थानीय लोगों के साथ ही स्थानीय प्रशासन को भी दिया जाना चाहिए। कहा कि आपदा के दौरान और आपदा के बाद प्रभावितों को मदद पहुंचाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। आइस संस्था ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भी कई विशिष्ट उपलब्धियां हासिल की है।

संस्था से प्रशिक्षित युवक पूरी प्रतिबद्धता से आपदा प्रभावितों को सहयोग प्रदान करें।
पिथौरागढ में साहसिक खेलों की अग्रणी संस्था इंट्रिसिक क्लाइंबर्स एण्ड एक्सप्लोरर्स ‘आइस’ ने इस शिविर का आयोजन किया। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन आयोग और राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में बागेश्वर जिले के 25 पीआरडी जवानों को यह प्रशिक्षण दिया गया।

मुख्य प्रशिक्षक बासू पाण्डेय ने बताया कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक जनपद में आपदा मित्र तैयार करना है जो भविष्य में आपदा से बचाव हेतु कार्य करेंगे। प्रशिक्षण के अन्तर्गत विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक व मानवजनित आपदाओं के बारे में विस्तार रूप से बताया गया। साथ ही किस आपदा के दौरान किस प्रकार की स्थिति सामने आती है और कैसे उन परिस्थितियों पर बचाव कार्य किया जाता है, इसकी जानकारी भी दी गई।

इस दौरान आपदा के दौरान खोज एवं बचाव हेतु उपयोग में लाये जाने वाले उपकरणों की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण प्राप्त कर युवा अपने अपने क्षेत्र में होने वाली विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के समय होने वाली घटनाओं में फर्स्ट रेस्पांडर की भूमिका निभाएंगे। पूरे राज्य में पहले चरण में 275 युवकों को प्रशिक्षण दिया गया। तीन अन्य चरणों में बागेश्वर के 75 युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।
इससे पूर्व वन क्षेत्राधिकारी दिनेश जोशी ने युवकों को वनाग्नि से निपटने के तौर तरीकों की जानकारी दी।

समापन समारोह में विशिष्ट अतिथि मनरेगा लोकपाल श्रीमती विनीता कलौनी, पूर्व प्रधान व समाज सेवी सुरेश चंद्र कसनियाल, आपदा समन्वयक पूनम खत्री , आइस के सचिव बासु पाण्डे , मुख्य प्रशिक्षक मुकेश गिरी , लोकेश पँवार, पवन कुमार , राज्यपाल पुरस्कार विजेता चंचल प्रसाद , एवरेस्टर मनीष कसनियाल मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन आईस संस्था के अध्यक्ष जगदीश कलौनी ने किया।

उल्लेखनीय है कि पिथौरागढ़ जनपद में आइस संस्था अब तक कई साहसिक गतिविधियों में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बना कर अपना परचम लहरा चुकी है। इस संस्थान से निकल कर अब तक कई युवक युवतियों ने एवेरेस्ट, कंचनजंघा, धौलागिरी जैसे बड़े पर्वतों को फ़तह किया है। संस्था द्वारा एनसीसी उत्तरी क्षेत्र, उत्तराखंड पर्यटन परिषद, आपदा प्रबंधन विभाग व भारतीय पर्वतारोहण संस्थान दिल्ली के साथ मिलकर राष्ट्रीय शिविरों का सफल आयोजन किया जा चुका है।

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