उत्तराखंड की देवभूमि में रचे बसे काफल की मार्मिक कहानी | Kafal Fruit Story
Kafal Fruit Story :: उत्तराखंड की देवभूमि में रचे बसे काफल की मार्मिक कहानी
अगर आप उत्तराखंड से हे तो मेरी तरह काफल आपको भी बहुत पसंद होंगे यह स्वादिष्ट फल अपने आप में बहुत कहानिया समेटे हुए हे आइये जानते हे एसे ही एक कहानी के बारे में :
काफल पर एक कहावत उत्तराखंड में मशहूर हैं काफल पक्को मी नी चक्खो इसका मतलब यह हे की काफल पक गये हे पर मेने नही चखे पर क्या आप इस कहावत के बारे में जानते हे, अगर नही तो हमारी यह पोस्ट देवभूमि में बसे रचे बसे काफल की कहानी बया करेगी | यह सिर्फ कहावत ही नही बल्कि एक दर्द भी हैं, इस कहावत के पीछे की कहानी कुछ इस तरह हैं की एक माँ चिलचिलाती धुप में पसीना बहने के बाद जंगल से एक टोकरी में काफल लाती हैं और घर पर उसकी बेटी भूखी हैं पर माँ उसे समझाते हुए कहती हैं की बेटी इससे अभी नही अगले दिन खायेंगे जब माँ अगले दिन अपने काम से वापस घर पर आते हे तो देखती हैं की टोकरी में काफल कम हैं उससे शक होता हैं की बेटी को मना करने पर भी उसने खा लिया बिना कुछ देखे वह बेटी को पीटना शुरू कर देती हैं और भूखी बेटी बार बार यही कहती हैं काफल पक्को में नी चखो | मार सहन ना होने पर आखिर में वह दम तोड़ देती हे , काफल धुप की वजह से सूखे हुए थे और जब माँ को यह एहसास होता हैं तो उसके पास पछतावे के सिवाय कुछ नही बचता विरह में वह भी पूत पोताई पूरे अर्थात् पूरे हे बेटी पूरे हे यह कहते हुए दम तोड़ देती हे ||
माँ और बेटी से जुडी हुई यह कहानी के बाद आज भी यह माना जाता हे कि चेत के महीने में जब काफल पक जाते हे तो जंगल में एक पक्षी की रोती हुए आवाज सुनाई देती हे एसा लगता हे वह चिरिया कह रही हो काफल पाक गये हे , मेने नही चखे |
इस कहानी में यह सीख भी हे की हमे कोई भी काम जल्दबाजी में नही करना चाहिए हमे हर वक्त सब्र से काम लेना चाहिए |
एक बहुत सुन्दर गीत भी काफल पर आधारित हे आप सबने सुना भी होगा बेढू पाको बारो मासा नरेन काफल पाको चेता
तो केसी लगी आपको यह पोस्ट कमेंट करके जरुर बताये और अगर आपके पास भी अपने पहाड़ की कोई कहानी हे तो हमे बताये हमे खुशी होगी और इस पोस्ट को प्लीज शेयर जरुर करे फिर मिलेंगे नए आर्टिकल के साथ एंड थैंक्स फॉर रीडिंग ……
About Author | Mamta Joshi |
The writer has studied from Kumaun University Nanital. Her interests include, to spread Uttarakhand culture and she is also actively involved in teaching profession. |
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Quite interesting information
We need to spread the knowledge of uttrakhand culture and history
Keep doing great work 👍
शानदार thnx saot for sharing the culture story of uttrakhand , I loved this , thnqqq for the autour great writing skills.😍😍😍😍